प्रादेशिक
जेसन को नहीं सहना पड़ेगा दर्द-ए-जुदाई
लखनऊ। लखनऊ ज़ू का हस्ता खेलता चिम्पैंजी जोड़ा अब जुदा नहीं होगा। इस जोड़े की मादा सदस्य निकिता को कानपुर ज़ू भेजने का फैसला निरस्त कर दिया गया है। लखनऊ ज़ू के निदेशक अनुपम गुप्ता ने बुधवार को इस निर्णय की जानकारी दी। एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने इस जोड़े को टूटने से बचाने के लिए मुहिम चलाई और उसे सफलता हाथ लगी। वेलफेयर बोर्ड का तर्क था कि निकिता को कानपुर भेजने से इस जोड़े के नर सदस्य जेसन को सदमा लग सकता है और इससे उसकी जान तक जा सकती है।
लखनऊ ज़ू में चिम्पैंजी निकिता और जेसन की जोड़ी करीब बीस साल पुरानी है। लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए मादा चिम्पैन्जी निकिता को कानपुर ज़ू भेजने का फैसला किया गया। इसके पीछे वजह यह थी कि निकिता मां नहीं बन पा रही थी। इसलिए ब्रीडिंग लोन के तहत निकिता को कानपुर ज़ू भेजने का निर्णय किया गया। कानपुर जू में उसे एक अन्य नर चिम्पैन्जी छज्जू के साथ रखने की बात तय हुई। हालांकि यह निर्णय आसान नहीं था। इसके लिए एनीमल वेलफेयर बोर्ड ने अमेरिका के शिकागो स्थित एप्स लिंकन पार्क के चिम्पैन्जी विशेषज्ञों से सलाह मांगी। विशेषज्ञों ने जो जवाब दिया, वह बेहद चौंकाने वाला था। बोर्ड की को-ऑप्टेड मेम्बर कामना पाण्डेय के मुताबिक, लिंकन पार्क के निदेशक स्टीफन रॉस ने बताया कि अगर इस जोड़े को इस तरह अलग किया गया तो नर चिम्पैन्जी जेसन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे जेसन का दिल टूट सकता है। यहां तक कि उसकी जान पर भी बन सकती है।
ये जानकारी मिलने पर एनीमल वेलफेयर बोर्ड ने निकिता को जेसन से अलग न करने के लिए लखनऊ ज़ू के निदेशक अनुपम गुप्ता, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखा। आखिरकार वेलफेयर बोर्ड की यह मुहिम रंग लाई और निकिता को जेसन से अलग करने का फैसला निरस्त कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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