बिजनेस
केंद्र ने सभी एनजीओ की लगाम कसी, एक महीने की मोहलत दी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत अपने पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए अपनी वार्षिक रपट प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन दिए हैं।
गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक, यह छूट एक बार दी गई है और उन संगठनों के लिए उपलब्ध है, जो वित्त वर्ष 2010-11 और वित्त वर्ष 2014-15 के बीच के अपने लापता वार्षिक रिटर्न अपलोड करते हैं।
बयान के मुताबिक, “सभी गैर-सरकारी संगठन 15 मई से 14 जून के बीच 30 दिनों के भीतर अपेक्षित दस्तावेजों के साथ अपने लापता वार्षिक रिटर्न अपलोड कर सकते हैं।”
मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि एफसीआरए के तहत पंजीकरण के लिए अनिवार्य वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा “वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के लिए उन पर कोई जटिल शुल्क नहीं लगाया जाएगा।”
गृह मंत्रालय ने 2012 में 4,138 और 2015 में 10,117 गैर-सरकारी संगठनों के पंजीकरण को रद्द कर दिया था, जो एफसीआरए के प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रहे थे।
विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (एफसीआरए) और विदेशी अंशदान (नियमन) नियम, 2011 (एफसीआरआर) के तहत विदेशी योगदान की स्वीकृति और उपयोग विनियमित है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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