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लाइफ स्टाइल

फेसबुक की मदद से आपके घर पहुंचेगा भोजन

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सैन फ्रांसिस्को। फेसबुक जल्द ही अमेरिका में अपने यूजर्स (उपयोगकर्ताओं) के लिए एक नया विकल्प ला रहा है ‘ऑर्डर फूड’। फेसबुक के इस एप की मदद से इसके यूजर बिना किसी रेस्टोरेंट के एप या वेबसाइट की मदद के सीधे ऑर्डर देकर भोजन मंगा सकेंगे। टेक क्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, इस विकल्प में फेसबुक यूजर्स को फूड पिकअप (भोजन संग्रह) और डिलीवरी डॉट कॉम और स्लाइस का उपयोग करके भोजनालयों से भोजन संबंधी अपने डिलीवरी ऑर्डर कर सकेंगे।

पिछले वर्ष अक्टूबर में सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफॉर्म फेसबुक ने घरों पर ऑनलाइन सामान भेजने का व्यापार करने वाली डिलीवरी डॉट कॉम और स्लाइस के साथ साझेदारी की घोषणा की थी। यह नया विकल्प उसी साझेदारी के परिणामस्वरूप आया है।

फेसबुक बाजार में हमेशा एक प्रमुख कंपनी के तौर पर रहा है और इस वर्ष अपने दो अरब प्रति माह यूजर्स के साथ वह प्रमुख कंपनी बना हुआ है। यह कंपनी विश्व के प्रमुख एप्स का स्वामित्व रखती है, जिनमें व्हाट्स एप, इंस्ट्रग्राम और मैसेंजर शामिल हैं।

फेसबुक ने कई तरह के फीचर्स की शुरुआत की है, जिस कारण हमें अपने मोबाइल फोन से अन्य एप्स को हटाने की जरूरत पड़ी है। इसके द्वारा शुरू किए गए फीचर्स में एक ‘मौसम’ पर आधारित, एक नेटवर्किं ग सेक्शन पर आधारित ‘डिस्कवर पीपल’, ट्रेवल सेक्शन पर ‘सिटी गाइड’, सरकार की सूचना ‘टाउन हॉल’ और एक ऑनलाइन ‘जॉब्स बोर्ड’, ‘फंडराइजर्स'(अनुदान जमा करने वाला) ‘इंस्टेंट गेम्स’ आदि की शुरुआत की है।

फेसबुक ने ‘ऑर्डर फूड’ के अक्टूबर में स्लाइस और डिलीवरी डॉट कॉम के साथ हुए अपनी साझेदारी के परिणामस्वरूप शुरू किए जाने की पुष्टि की। भोजन को ‘रेस्टोरेंट्स फेसबुक’ पेज की मदद से जल्द ही मंगाया जा सकेगा।

लाइफ स्टाइल

साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान  

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high cholesterol symptoms

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नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।

शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?

हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।

क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।

गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।

ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।

इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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