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प्रादेशिक

आय से अधिक संपत्ति केस में कोर्ट में पेश हुए हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह

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सीएम वीरभद्र सिंह, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, समन, विशेष अदालत

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सीएम वीरभद्र सिंह ने दी जमानत की अर्जी, अगली सुनवाई 29 को

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व अन्य आय के ज्ञात स्रोत से 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मामले में सोमवार को यहां एक अदालत में पेश हुए और जमानत के लिए अर्जी दी।

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सिंह और अन्य विशेष अदालत के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल के सामने उपस्थित हुए। उनके खिलाफ समन जारी किए गए थे। मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 मई की तारीख तय की गई है।

सिंह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित थे।

अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से आरोपियों की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले में सिंह के अलावा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एजेंट आनंद चौहान, उनके सहयोगी चुन्नी लाल, जोगिंदर सिंह घाल्टा, प्रेमराज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवन कुमार रोच और रामप्रकाश भाटिया भी आरोपी हैं। उन्हें भी समन जारी किया गया था।

सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 10,30,47,946.40 रुपये की संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक है। सिंह ने इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं
दिए हैं।

अदालत ने आठ मई को आरोपी के खिलाफ समन जारी करते हुए कहा था कि 28 मई, 2009 से जून 26, 2012 के बीच केंद्र में इस्पात एवं सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यम मंत्री के तौर पर वीरभद्र सिंह ने आपराधिक गड़बड़ियां की।

जांच एजेंसी के अनुसार, सह-आरोपी प्रतिभा सिंह और अन्य आठ पर वीरभद्र के रुपये को उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश में साथ देने का आरोप है।

अदालत ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सह-आरोपी प्रतिभा सिंह, वीरभद्र सिंह की आय से अधिक संपत्ति को अपने तथा उनके बच्चों के नाम पर कराने में जुटी रहीं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर अपनी आय को कृषि के रूप में दर्शाने का प्रयास करने का आरोप है। अन्य आरोपियों पर ज्ञापन, बिक्री प्रक्रियाओं तथा अन्य झूठे दस्तावेजों के जरिये अपनी अवैध संपत्ति को वैध बनाने की कोशिश का आरोप है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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