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लखनऊ की रेशमा समेत 24 बच्चों को वीरता पुरस्कार

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नई दिल्ली। साल 2014 के लिए 24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनमें एक 16 साल की तेजाब पीड़ित लड़की रेशमा भी शामिल है। लखनऊ की रहने वाली रेशमा को असाधारण वीरता दिखाने के लिए ‘भारत अवार्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। रेशमा को उसे यंत्रणा देने वाले से लड़कर बच निकलने के कारण इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।

24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनमें 8 लड़कियां और 16 लड़के शामिल हैं। चार बच्चों को ये पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए हैं। प्रतिष्ठित ‘गीता चोपड़ा पुरस्कार’ असम की 13 वर्ष की कुमारी गुंजन शर्मा को दिया गया है, जिसने अपहर्ताओं के शिकंजे से अपने मित्रों को बचाने के लिए बहादुरी का परिचय दिया। संजय चोपड़ा पुरस्कार उत्तर प्रदेश के साढ़े सोलह वर्षीय देवेश कुमार को दिया गया है, जिसने दो लुटेरों से मुकाबला करते हुए असीम साहस का परिचय दिया।

बापू गैधानी पुरस्कार के लिए अरुणाचल प्रदेश के 13 वर्षीय रूमोह मेतो, उत्तर प्रदेश की दिवंगत रिया चौधरी (15 वर्ष) और उत्तराखंड की कुमारी मोनिका (16 वर्ष) को दिया गया। अन्य बच्चों में गुजरात के जितेन्द्र मराठे, हीरल जीतूभाई हलपती और दिवंगत गौरव कुमार भारती, कर्नाटक के सहनेश आर., महाराष्ट्र से अश्वनी बंदू उगाडे, मणिपुर से एल ब्रेनसन सिंह और जी. तूलदेव शर्मा, त्रिपुरा से रीपा दास, छत्तीसगढ़ से बलराम दनसेना, झारखंड से राजदीप दास, मास्टर अंजीत पी., केरल से अकील मोहम्मद एन.के. और मिधुन पी.पी., मेघायल से स्टीवेंसन लोरिनयांग, मिजोरम से दिवंगत मेसक के. रेमनालालांगक, नागालैंड से महोनबेनी इक्वंग, उत्तराखण्ड से लाभांशु और उत्तर प्रदेश से मास्टर गौरव कुमार भारती को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

वीरता पुरस्कारों के लिए चयन उच्च अधिकार प्राप्त समिति करती है जिसमें विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन और भारतीय बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ सदस्य शामिल होते हैं। ये बच्चे 24 जनवरी, 2015 को एक विशेष समारोह में प्रधानमंत्री से पुरस्कार ग्रहण करेंगे और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे। राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इनके सम्मान में स्वागत समारोह का आयोजन करेंगे। विभिन्न राज्य अपने स्तर पर इनके सम्मान में समारोह आयोजित करेंगे।

भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार योजना के तहत उन बच्चों का सम्मान दिया जाता है जिन्होंने असीम बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा का परिचय दिया हो और जो दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हों। पहली बार 1957 में एक लड़की समेत दो बच्चों को उनकी बुद्धिमता और साहस के लिए वीरता पुरस्कार दिया गया। आईसीसीडब्ल्यू तब से हर वर्ष बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार देता आ रहा है।

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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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