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प्रादेशिक

एसएमएस याद दिलाएगा बच्चों के टीके का समय

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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जच्चा-बच्चा की देखभाल के लिए जल्द एक योजना लाने की तैयारी में हैं। इस योजना का नाम ‘किलकारी’ रखा जाएगा। इसके तहत सरकार एसएमएस के माध्यम से याद दिलाएगी कि आपके दो साल के बच्चे को टीका लगना बाकी है, अथवा आपने गर्भवती होने के छह माह पूरे कर लिए हैं और आपको चिकित्सक के पास जांच के लिए जाना है। कई अन्य सुविधाओं से युक्त यह योजना इस साल अगस्त तक जारी हो सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सी.के. मिश्रा ने कहा कि संदेश महिला के फोन पर अथवा उसके पति या किसी करीबी रिश्तेदार के फोन पर भेजा जाएगा। गर्भवती महिलाओं को संदेश से उनके नियमित परीक्षण, खून की जांच, टिटनेस टीकाकरण और अन्य चीजों के संबंध में याद दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा, “गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक खाना खाने और किस तरह के व्यायाम वे कर सकती हैं आदि के बारे में बताया जाएगा।” नई-नई मां बनी महिलाओं को उनके बच्चे के टीकाकरण के लिए नियत समय, उसके उम्र और वजन के अनुपात और बच्चे को किस उम्र में क्या खिलाना चाहिए आदि के बारे में संदेश भेजा जाएगा।

सरकार इस योजना को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार भविष्य में इस योजना से किशोरियों को भी जोड़ने की तैयारी में हैं। मिश्रा ने कहा कि किशोरियों को भेजे गए संदेशों में बताया जाएगा कि वे एनीमिया से कैसे मुकाबला करें और अपने आपको कैसे स्वच्छ रखें। योजना की शुरुआत में संदेश छह भाषाओं (चार उत्तर भारतीय और दो दक्षिण भारतीय) में भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि बाद में जैसे-जैसे यह योजना बढ़ती जाएगी इसमें अन्य भाषाएं जुड़ती जाएंगी। अभी तक इस योजना के लिए कुल 78 विशिष्ट संदेश चुने गए हैं। इसमें आगे और भी संदेश जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों जैसे, चिकित्सक, दाइयां, राज्य स्वास्थ्य विभाग अधिकारी और सेवा प्रदाता इस योजना के केंद्र में हैं और तकनीकी खामियों पर काम चल रहा है।

यूनीसेफ के मुताबिक भारत में पांच साल की उम्र के तकरीबन 20 लाख बच्चे कुपोषण और बीमारी के कारण हर साल मारे जाते हैं। पूरी दुनिया में मरने वाले नवजात शिशुओं और बच्चों की मौत के एक चौथाई मामले भारत में दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह भारत में हर साल एक साल महिलाओं की बच्चों को जन्म देने के दौरान मौत हो जाती है। मातृ मृत्यु के संबंध में यह संख्या विश्व की संख्या की एक-चौथाई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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