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बिजनेस

ऐक्सिस बैंक ने की नौ महीनों के वित्तीय परिणामों की घोषणा

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नई दिल्लीं। ऐक्सिस बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल ने शुक्रवार, 16 जनवरी, 2015 को मुंबई में हुई बैठक में 31 दिसंबर 2014 को समाप्त हुई तिमाही और शुरूआती 9 महीनों के वित्तीय परिणामों को मंजूरी दे दी। बैंक के सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा अकाउंट्स की सीमित समीक्षा की जानी अनिवार्य है।

लाभ एवं नुकसान का विवरण: 31 दिसंबर 2014 को समाप्त अवधि तक

शुद्ध लाभ एवं परिचालन राजस्व
31 दिसंबर 2014 को समाप्त तिमाही एवं शुरूआती 9 महीनों में राजस्व में विकास के लिहाज से बैंक ने स्वस्थ प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही में बैंक का मुख्य परिचालन राजस्व वार्षिक आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 5,629 करोड़ रूपये रहा और अप्रैल से दिसंबर 2014 के दौरान राजस्व में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 16,103 करोड़ रूपये पहुंच गया। परिचालन संबंधी खर्चों में धीमे विकास से, बैंक का परिचालन लाभ और शुद्ध लाभ में भी अच्छी बढ़त दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही और शुरूआती 9 महीनों के दौरान शुद्ध लाभ वर्ष दर वर्ष 18 प्रतिशत की बढ़त के साथ क्रमशः 1,900 करोड़ रूपये और 5,177 करोड़ रूपये रहा।

शुद्ध ब्याज आय एवं शुद्ध ब्याज मार्जिन
वित्त वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही के दौरान बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) वर्ष दर वर्ष 20 प्रतिशत बढ़कर 3,590 करोड़ रुपये पहुंच गई। वित्त वर्ष 2014 की तीसरी तिमाही में एनआईआई 2,984 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2014 के शुरूआती नौ महीनों के 8,786 करोड़ रूपये की तुलना में वित्त वर्ष 2015 के पहले 9 महीनों में एनआइआइ वार्षिक आधार पर 19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 10,425 करोड़ रूपये रही। वित्त वर्ष 2015 के शुरूआती 9 महीनों में बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.96 प्रतिशत रहा।

अन्य आय
अन्य आय (जिसमें फीस, कारोबारी मुनाफा और अन्य कई आमदनी शामिल होती है) वित्त वर्ष 2014 की तीसरी तिमाही के 1,644 करोड़ रूपये की तुलना में वित्त वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही में 24 प्रतिशत बढ़कर 2,039 करोड़ रूपये रही। वित्त वर्ष 2015 के शुरूआती 9 महीनों में अन्य आय 9 प्रतिशत की बढ़त के साथ 5,678 करोड़ रूपये दर्ज की गई। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान, फीस आय 16 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 1,686 करोड़ रूपये पहुंच गई। बैंक की फीस आय में मुख्य योगदानकर्ताओं में खुदरा बैंकिंग थी, जिसमें वर्ष दर वर्ष 41 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। उक्त तिमाही के दौरान, बैंक का कारोबारी लाभ 329 करोड़ रूपये रहा, जबकि विविध आय 24 करोड़ रूपये रही।

बैलेंस शीट: 31 दिसंबर 2014 के मुताबिक
31 दिसंबर 2014 तक बैंक की बैलेंस शीट वर्ष दर वर्ष 17 प्रतिशत बढ़कर 4,21,110 करोड़ रुपये रही, जबकि बैंक का ऐडवांस वार्षिक आधार पर 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,60,567 करोड़ रुपये पहुंच गया। 31 दिसंबर 2014 तक खुदरा ऐडवांस 24 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 99,219 करोड़ रूपये दर्ज किया गया और बैंक के शुद्ध ऐडवांस का 38 प्रतिशत रहा। काॅर्पोरेट क्रेडिट वर्ष दर वर्ष 25 प्रतिशत बढ़कर 121,543 करोड़ रहा और शुद्ध ऐडवांस का 47 प्रतिशत दर्ज किया गया। एसएमई ऐडवांस 17 प्रतिशत उछलकर 39,805 करोड़ रूपये रहा और शुद्ध ऐडवांस का 15 प्रतिशत रहा।

31 दिसंबर 2014 की समाप्ति तक बैंक के निवेश पोर्टफोलियो की बुक वैल्यू 1,22,374 करोड़ रूपये रही। जिनमें से सरकारी प्रतिभूतियों में 74,069 करोड़ रूपये और कार्पोरेट बान्ड्स में 24,904 करोड़ रूपये निवेश किया गया। जबकि 23,401 करोड़ रूपये इक्विटीज, तरजीही शेयरों, म्यूचुअल फंडो इत्यादि अन्य सिक्युरिटीज में लगाये गये। 83 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों को एचटीएम श्रेणी में विभक्त किया गया है।  जबकि 93 प्रतिशत बान्ड्स और डिबेंचर्स पोर्टफोलियो एएफएस श्रेणी में वर्गीकृत हैं। तीन श्रेणियों में निवेश पोर्टफोलियो के वितरण में एसएलआर प्रतिभूतियां और घरेलू बान्ड्स शामिल हैं।

31 दिसंबर 2014 तक बचत खाता जमा वर्ष दर वर्ष 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 79,953 करोड़ रुपये पहुंच गया। जबकि चालू खाता जमा 8 प्रतिशत बढ़कर 45,633 करोड़ रुपये रहा। रोजाना औसत आधार पर, वित्त वर्ष 2015 की चालू वित्त वर्ष के नौ महीनों के दौरान बचत बैंक जमा में वर्ष दर वर्ष 18 प्रतिशत और चालू खाता जमा में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

वित्त वर्ष 2015 के शुरूआती 9 महीनों में रोजाना औसत आधार पर सीएएसए साल दर साल 16 फीसदी बढ़ी और कुल जमा का 40 प्रतिशत रही। गत वर्ष समान अवधि में यह 39 प्रतिशत थी। सीएएसए और रिटेल टर्म डिपाजिट बीते वर्ष के 74 प्रतिशत की तुलना में 31 दिसंबर 2014 को कुल घरेलू जमा का 78 प्रतिशत रहे। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बैंक द्वारा लांग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर रूपये बान्ड को जारी करके 5,705 करोड़ रूपये गतिशील किये गये।

पूंजी पर्याप्तता एवं शेयरधारकों की पूंजी
31 दिसंबर 2014 तक बैंक के शेयरधारकों की पूंजी वर्ष दर वर्ष 16 प्रतिशत बढ़कर 43,816 करोड़ रूपये पहुंच गई। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है। 31 दिसंबर 2014 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) बेसल 3 के अंतर्गत 15.64 प्रतिशत (वित्त वर्ष 2015 के पहले नौ महीनों के शुद्ध लाभ को शामिल कर) और टियर-1 सीएआर 12.44 प्रतिशत (वित्त वर्ष 2015 पहले नौ महीनों के शुद्ध लाभ को शामिल कर) दर्ज किया गया।

परिसंपत्ति गुणवत्ता
31 दिसंबर, 2014 तक बैंक की सकल एनपीए एवं शुद्ध एनपीए क्रमशः 1.34 प्रतिशत एवं 0.44 प्रतिशत रही। इस अवधि में बैंक का प्रोविजन कवरेज 78 प्रतिशत रहा (प्रूडेंशियल राइट-आफ समेत सकल एनपीए के अनुपात के मुताबिक)। संचित राइट-आॅफ से पूर्व प्रोविजन कवरेज 87 प्रतिशत रहा।

31 दिसंबर, 2014 तक बैंक की सकल एनपीए 3,902 करोड़ रूपये रही। 30 सितंबर 2014 को यह 3,613 करोड़ रूपये थी। इस तिमाही के दौरान, बैंक ने सकल एनपीए में 708 करोड़ रूपये का संकलन किया। रिकवरी एवं अपग्रेड 225 करोड़ रूपये और राइट-आॅफ 194 करोड़ रूपये रहा। 31 दिसंबर, 2014 तक पुनर्गठित की गई परिसंपत्तियों का संचयी मूल्य 6,808 करोड़ रुपये रहा। यह सकल ग्राहक परिसंपत्तियों का 2.37 प्रतिशत है।

नेटवर्क
वित्त वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही के दौरान, समूचे देश में बैंक के नेटवर्क में 53 शाखायें जोड़ी गईं। 31 दिसंबर 2014 तक बैंक का 2,558 घरेलू शाखाओं और एक्सटेंशन काउंटर्स का नेटवर्क है। वहीं, 1708 स्थानों पर बैंक के 12,874 एटीएम हैं। पिछले साल बैंक की घरेलू शाखाओं एवं एक्सटेंशन काउंटर्स की संख्या 2,321 थी, जबकि 1580 स्थानों पर स्थित एटीएम की संख्या 12,328 थी।

अंतरराष्ट्रीय कारोबार
ऐक्सिस बैंक के सिंगापुर, हांगकांग, दुबई (डीआईएफसी में), कोलंबो, और शंघाई में आठ अंतरराष्ट्रीय कार्यालय एवं शाखायें मौजूद हैं; जबकि दुबई, अबू धाबी में प्रतिनिधि कार्यालय और लंदन एवं यूके में विदेशी अनुषंगी मौजूद है। इन सभी कार्यालयों का ध्यान कार्पोरेट लेंडिंग, ट्रेड फाइनेंस, सिंडीकेशन, निवेश बैंकिंग एवं लाएबिलिटी कारोबार पर केन्द्रित है। 30 सितंबर 2014 तक बैंक की विदेशी परिचालन के तहत कुल परिसंपत्ति 7.76 बिलियन अमेरिकी डालर पहुंच गई है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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