बिजनेस
सोना बीएलडब्ल्यू ने हंगरी में निर्माण संयंत्र का किया विस्तार
पोल्गर (हंगरी), 3 जून (आईएएनएस)| बहुराष्ट्रीय अमेरिकी कंपनी सोना समूह की सहयोगी कंपनी सोना बीएलडब्ल्यू प्रेसीजन फोर्जिग्स लिमिटेड ने हंगरी में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने हुए निर्माण सुविधा में 40 फीसदी की बढ़ोतरी की है। हंगरी संयंत्र भारत के बाहर सोना ग्रुप की पहली ग्रीनफील्ड उत्पादन इकाई है जो 4800 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैली है। हंगरी में इस सुविधा के अलावा सोना बीएलडब्ल्यू दो और लोकेशनों में स्थित है- भारत (3 सुविधाएं) और जर्मनी (3 सुविधाएं)।
इस बारे में समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार ने बताया, इनोवेशन, अनुसंधान एवं विकास प्राथमिक कारक हैं जो उपभोक्ताओं को संतोषजनक सेवाएं देने के साथ कारोबार के समग्र विकास में मदद करते हैं। इन्हीं उद्देश्यों के साथ हम अनुसंधान और विकास तथा लागत प्रभावी रणनीतियों में निवेश कर रहे हैं। हमारे हंगरी संयंत्र के विस्तार से हमें लागत घटाने के साथ ही उत्पादन के विभिन्न पहलुओं में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, तीन सालों में हमने हंगरी निर्माण सुविधा में अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करके 78 लाख पीस सालाना तक पहुंचाने की योजना बनाई है।
सोना बीएलडब्ल्यू विश्वस्तरीय ऑटोमोटिव खिलाड़ियों जैसे मैन, स्कैनिया, डैमलर, जॉन डीरे, अमेरिकन एक्सले, लिनामर, सीएनएच और डीएएनए को ऑटो अवयवों का निर्यात करती है।
कम्पनी के उपभोक्ता आधार में प्रमुख ओईएम जैसे मारुति सुजुकी, टाटा, टीएएफई, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, आईटीएल, जॉन डीरे, एस्कॉर्ट्स, डीआईसीवी ट्रक्स इंडिया, वोल्वो आयशर और न्यू हॉलैंड इंडिया शामिल हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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