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रक्षा खरीद को बेहतर बनाए भारत: जनरल बक्शी

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आतंक के खिलाफ अमेरिका करे भारत का समर्थन: बिट्टा
लखनऊ। राजनैतिक इच्छाशक्ति से ही भारत की सैन्य शक्ति दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हो सकती है। चीन और पाकिस्तान से भारत की सीमाओं को खतरा लगातार बना हुआ है और सेना को अत्याधुनिक हथियारों और सुविधाओं से लैस कर के ही इस खतरे से प्रभावी तौर पर निपटा जा सकता है। भारत के समक्ष चीन की चुनौती विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में देश के प्रमुख रक्षा विशेषज्ञों ने प्रमुखता से यह बात रखी।

उत्थान ऐजुकेशन ट्रस्ट और सी.आई.आई. द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित परिचर्चा में मेजर जनरल गगनदीप बक्शी, मेजर जनरल रवि अरोड़ा, मेजर जनरल दीपक कुमार मेहता, एयर मार्शल भरत कुमार, वाईस एडमिरल प्रदीप कौशिवा और प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ मारुफ रज़ा शामिल हुए। परिचर्चा में मुख्य अतिथि के तौर पर आल इंडिया एन्टी टेरररिस्ट फ्रन्ट के अध्यक्ष सरदार मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा शामिल हुए। परिचर्चा के उपरान्त 21 शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया और उत्थान ऐजुकेशन ट्रस्ट की ओर से 11 हज़ार रुपये प्रति परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई। परिचर्चा में ने सीमा पर चीन द्वारा लगातार किए जा रहे उल्लंघनों पर चिन्ता व्यक्त की गई।

मेजर जनरल रवि अरोड़ा ने चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे आधारभूत संचरना के विकास को भारत के लिए गंभीर चुनौती बताया और कहा कि भारत अभी तक अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में हाईवे और रेलवे का विकास नहीं कर पाया है।

मेजर जनरल गगनदीप बक्शी ने कहा कि चीन भारत के लिए एक बड़ा खतरा है और आज अगर भारतीय सेना को मुकाबले में आना है तो रक्षा खरीद को बेहतर करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक इच्छाशक्ति से ही सैन्य शक्ति में इजाफा हो सकता है और साथ ही हमें इस बात से भी सतर्क रहने की जरुरत है कि पाकिस्तान चीन के समर्थन से भारत के लद्दाख क्षेत्र को निशाना बना सकता है। उन्होने इस बात पर भी हैरानी जताई कि पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से भारतीय सेना के लिए कोई नई खरीद नहीं हुई है।

रक्षा विशेषज्ञ मारुफ रज़ा ने कहा राजनैतिक नेतृत्व को रणनैतिक समझ विकसित करने की जरुरत है साथ ही चीन के सामने राजनयिक मजबूती को भी जाहिर करने में पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होने कहा कि चीन भारत के खिलाफ एक रणनीति के रुप में पाकिस्तान को समर्थन दे रहा है और भारत को इससे भी सावधान रहने की जरुरत है ।IMG_0985

परिचर्चा के उपरान्त आल इंडिया एन्टी टेरररिस्ट फ्रन्ट के अध्यक्ष सरदार मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा, उत्थान ऐजुकेशन ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी राम पुरी एवं सुभद्रा पुरी ने 21 शहीद परिवारों के सदस्यों को प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्र और 11 हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया।

सम्मानित होने वाले शहीद परिवारों में मेजर प्रतीक मिश्रा, कैप्टन मनोज पांडेय, केवलानन्द द्विवेदी, कैप्टन सुनील चन्द्रा, सूबेदार टी बी चैधरी, सिपाही सुनील कुमार, सिपाही आनन्द प्रकाश, हवलदार उदय प्रताप, सिपाही प्रकाश चन्द्र बहुगुणा, सिपाही राम किशोर पांडेय, हवलदार सुरेश पाल, हवलदार शिवम विश्वकर्मा, लांसनायक राधवेन्द्र शुक्ला एवं सिपाही परमेश्वर दीन पांडेय के परिवार शामिल थे। सम्मान पाकर शहीद परिवारों की आंखे नम हो गईं।

मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा ने शहीदों के योगदान को अतुलनीय बताते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर आज हम सुरक्षित हैं तो अपनी सेना और उसके जवानों की बदौलत। बिट्टा ने कहा कि भारतीय सेनाओं को पाकिस्तान की हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए और आतंकवाद से निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से निपटने में सैन्य कार्रवाई के लिए सहयोग मांगना चाहिए।

इससे पूर्व परिचर्चा में शामिल होने आए रक्षा विशेषज्ञों, मुख्य अतिथि और शहीद परिवारों का स्वागत उत्थान ऐजुकेशन ट्रस्ट के चीफ ट्रस्टी राम पुरी और सी.आई.आई. वाई.आई. के चेयरपर्सन गौरव प्रकाश ने किया। सी.आई.आई. यू.पी. स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया । कार्यक्रम में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और विधायक डा. रीता बहुगुणा जोशी समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद थे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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