बिजनेस
जीडीपी में सुस्ती को नोटबंदी से न जोड़ें : उर्जित पटेल
मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में वृद्धि दर में सुस्ती को नोटबंदी से नहीं जोड़ने का आग्रह किया और कहा कि यह सुस्ती वित्त वर्ष की पहली तिमाही से ही नजर आने लगी थी। उन्होंने कहा, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी नए आंकड़ों से किसी नतीजे पर पहुंचने के पहले सावधानीपूर्वक विश्लेषण की जरूरत है। इसमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के नई सीरीज के आंकड़े जोड़े गए हैं।
उन्होंने कहा, उस अर्थ में, यह अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर प्रस्तुत करता है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि नोटबंदी से पहले से ही वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही से ही अर्थव्यवस्था में मंदी छानी शुरू हो गई है। इनमें कृषि और खनन क्षेत्र जो मुख्य रूप से नकदी पर निर्भर हैं, उनमें नोटबंदी का असर नहीं हुआ है। ग्रामीण मजदूरी की वृद्धि दर भी जारी है। वहीं, दूसरी छमाही के दौरान उत्पादन, परिवहन और संचार क्षेत्र में नरमी रही।
पटेल ने कहा कि नोटबंदी से निर्माण क्षेत्र प्रभावित हुआ है, लेकिन उनके मुताबित इसका अनुमान पहले से ही था, क्योंकि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काले धन का इस्तेमाल होता है।
उन्होंने कहा, वास्तविकता में निजी खपत तीसरी तिमाही में बढ़ी है और चौथी तिमाही में नरमी रही है।
उन्होंने कहा कि जीडीपी में मंदी का मुख्य कारण पूंजी के गठन में हुई कमी है। उन्होंने कहा, जीडीपी में कमी का मुख्य कारण पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में पूंजी निर्माण में आई मंदी है, जो चौथी तिमाही में और घट गई। इन सभी कारकों को अलग रखना मुश्किल है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर बी.पी. कानूनगो ने कहा कि अब नकदी की कोई कमी नहीं है और 82.6 फीसदी अर्थव्यवस्था का पुर्नमुद्रीकरण कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर नगदी में कमी हो सकती है, लेकिन उन्हें तुरंत दूर किया जाता है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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