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प्रादेशिक

सिद्धार्थ नारायण को मिला ‘शक्ति सम्मान’, CM ने किया सम्मानित

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लोकमत सम्मान कार्यक्रम, आरटीआई कार्यकर्ता सिद्धार्थ नारायण को ‘शक्ति सम्मान’, लोकमत सम्मान कार्यक्रम में मुख्यर अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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मां की पेंशन के पैसे से दायर की पहली आरटीआईः सिद्धार्थ नारायण

लखनऊ। राजधानी स्थित संगीत नाटक अकादमी में आयोजित लोकमत सम्मान कार्यक्रम में स्टार आरटीआई कार्यकर्ता सिद्धार्थ नारायण को ‘शक्ति सम्मान’ से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन से हुआ।

लोकमत सम्मान कार्यक्रम, आरटीआई कार्यकर्ता सिद्धार्थ नारायण को ‘शक्ति सम्मान’, लोकमत सम्मान कार्यक्रम में मुख्यर अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Lokmat Samman

सम्मान पाने वाली विभूतियों को बधाई व लोकमत सम्मान की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा समाज जब किसी को सम्मानित करता है तो एक नई संस्कृति का जन्म होता है। कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 15 विभिन्न श्रेणियों में उत्कृट योगदान के लिए 18 विभूतियों को सम्मानित किया।

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लोकमत सम्मान शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, दिव्यांग, हस्तशिल्प, कला एवं संस्कृति, क्रीड़ा, कृषि, महिला, व्यवसाय, साहित्य, प्रशासन, क़ानून, जनसंचार, सार्वजनिक जीवन की श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ विशेष व्यक्तियों को जूरी अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।

15 विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए 18 विभूतियों को मिला सम्मान

कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में प्रदेश के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला, वरिष्ठ वैज्ञानिक पी.के. सेठ, जनरल आर.पी. शाही, सेवानिवृत्त, ए.के. सिंह, यशवंत आदि शामिल रहे।

लोकमत सम्मान की विभिन्न श्रेणियों में शिक्षा के क्षेत्र में शोभीलाल गुप्ता, कुशीनगर, स्वास्थ्य में डा. आर. एन. सिंह, गोरखपुर, पर्यावरण में श्री शैलेन्द्र सिंह, लखनऊ, दिव्यांग में अबू हुबैदा, व आवा आशा स्कूल दोनो लखनऊ, हस्तशिल्प में मो. दिलशाद, सहारनपुर को दिया गया

कला एवं संस्कृति में सुश्री अंकिता बाजपेई, लखनऊ, क्रीड़ा में अशोक कुमार सिंह, नई दिल्ली, कृषि में प्रार्थ त्रिपाठी, गोण्डा, महिला में सुश्री आसमा परवीन, कुशीनगर, व्यापार में श्रीमती किरन चौपडा, लखनऊ, साहित्य में श्रीमती नीरजा हेमेन्द्र, लखनऊ, प्रशासन में श्रीमती सुतापा सान्याल, लखनऊ, जनसंचार में उत्कर्ष चतुर्वेदी, लखनऊ, सार्वजनिक जीवन में डा. बलमीत कौर, बहराइच को सम्मानित किया गया।

इसके अलावा कुछ विशेष व्यक्तियों को दिए जाने वाले अवार्ड मे यशवंत को जनक सम्मान, श्रीमती सुष्मिता मुखर्जी को अभिव्यक्ति सम्मान और सिद्धार्थ नरायण को शक्ति सम्मान सहित जूरी अवार्ड से मुखमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा नवाजा गया।

सिद्धार्थ नारायण आरटीआई जगत का एक बड़ा नाम है जिन्होंने आरटीआई के लगभग हर क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है। गाज़ीपुर की एक गरीब लड़की की दहेज हत्या का मुद्दा हो या कोटवारा रियासत की महारानी की प्रतिष्ठा दोनों में कोई भेदभाव न करते हुए हमेशा न्याय के रास्ते पर चलना और लोगों को जागरूक करना उनका मूल उद्देश्य रहा है।

लोकमत सम्मान कार्यक्रम, आरटीआई कार्यकर्ता सिद्धार्थ नारायण को ‘शक्ति सम्मान’, लोकमत सम्मान कार्यक्रम में मुख्यर अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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शारदा एक पत्रकार थी, जिनकी हत्या उन्हीं के ससुराल वालों द्वारा की गयी थी और पुलिस की मिली भगत से उसे खुदकुशी दिखाने का प्रयत्न किया गया था। अततः आरटीआई के द्वारा उनकी हत्या साबित हुई।

इस कार्यक्रम में भारत के पहले मुख्य केन्द्रीय सूचना आयुक्त वज़ाहत हबीबउल्लाह ने अपने विचार एवं आरटीआई के महत्व पर बात की। कार्यक्रम में प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री, राज्य सूचना आयुक्त व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

स्टार एक्टिविस्ट सिद्धार्थ नारायण ने अपने कुछ केसों के बारे में बताया, जिनमें से 2015 में हुये आगरा चर्च हमला, शक्तिमान घोडा व भ्रष्टाचार एवं सार्वजनिक जीवन प्रमुख थे।

इस अवसर पर उन्होंने अपने सम्मान को उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के साथ बांटने की बात कही और राज्य एवं केन्द्र के सभी सूचना आयुक्तों को तहे दिल से धन्यवाद एवं अपना आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पहली आरटीआई याचिका अपनी मां के पेंशन के पैसे से दायर की थी और उस पैसे में इतनी बरकत थी कि आज उन्हें इतना बड़ा सम्मान मिल रहा है।

सिद्धार्थ ने कहा कि ‘‘जिन हाथों ने मुझे इस काबिल बनाया, मैं उन्हीं हाथों में मैं मुख्यमंत्री से सम्मानित होने के बाद अपना ये सम्मान दूंगा।’’

कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उसमान ने कहा कि सिद्धार्थ नारायण को न्याय एवं अधिकार की बहुत ही गहन जानकारी है एवं वह किसी में कोई भेदभाव नहीं करते।

उन्‍होंने कहा कि मेरी कोर्ट में मैंने हाशिये पर खड़े गरीब से गरीब तबके को न्याय दिलाने का यथावत प्रयास किया है। साथ ही में उसी न्याय और अधिकार की भावना के साथ उन्होंने एक रियासत की रानी की प्रतिष्ठा भी बचायी है।

राज्य सूचना आयुक्त सैय्यद हैदर रिज़वी ने कहा कि ‘‘सिद्धार्थ नारायण पर हमें फख्र है।’’ इस अवसर पर हर्षवर्धन फाउन्डेशन का शुभारम्भ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलों द्वारा किया गया।

 

 

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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