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खराब लिंगानुपात : ‘बेटी बचाओ’ के लिए मोदी ने चुना हरियाणा

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चंडीगढ़| बेटियों के हक में राष्ट्रव्यापी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा का चुनाव किया है। खराब लिंगानुपात को ध्यान में रखते हुए बालिका भ्रूण हत्या के खिलाफ शुरू होने वाले यह अभियान हरियाणा के लिए गौरव की बात नहीं है। बालिकाओं की सुरक्षा और शिक्षा, सिंकुड़ते लिंगानुपात, बालिका भ्रूण हत्या पर रोक और महिलाओं की अधिकारिकता पर लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए मोदी गुरुवार को पानीपत शहर से अभियान की शुरुआत करेंगे। हरियाणा देश का एक ऐसा राज्य है जहां सबसे खराब लिंगानुपात (प्रति एक हजार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या) है। राज्य में बालक के मुकाबले बालिकाओं की भी संख्या खराब है और इस मोर्चे पर बुरे रिकार्ड को देखते हुए हरियाणा का चुनाव किया गया है। देश के 15 जिले ऐसे हैं जहां जहां लिंगानुपात बेहद खराब हैं जिनमें से नौ अकेले हरियाणा के हैं। इस बात का उल्लेख मोदी पूर्व में कर चुके हैं।

असल में लिंगानुपात के लिहाज से 100 खराब जिलों में हरियाणा के 12 जिले शामिल हैं जबकि पड़ोसी पंजाब के 11 जिले आते हैं। देश के यही दो राज्य ऐसे हैं जिनकी स्थिति इस मामले में बुरी है। दोनों राज्यों के 23 जिलों के साथ इनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ भी सूची में ही शामिल है। उत्तर के पांच राज्यों जम्मू एवं कश्मीर (पांच जिले), उत्तराखंड (दो) और हिमाचल प्रदेश (एक) और केंद्रशासित क्षेत्र (चंडीगढ़) देश में 32 खराब जिलों में गिने जाते हैं। हरियाणा में प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 879 है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बालिका लिंगानुपात (सीएसआर) में गिरावट की प्रवृत्ति बनी हुई है। बच्चों में 0-6 वर्ष की उम्र के बीच प्रति 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 1961 से निरंतर बनी रही। 1991 में इस अनुपात में लड़कियों की संख्या 945 से गिरकर 2001 में 927 हो गई और 2011 में 918 पर पहुंच गई।

हरियाणा एवं पंजाब में गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण के लिए जांच कराने का खतरनाक खेल चलता है। 21 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में सीएसआर में खराब स्थिति बरकरार है। सकारात्मक पक्ष में हालांकि 11 राज्य और 2 केंद्र शासित राज्यों में बीते दशक में सीएसआर की स्थिति में सुधार देखा गया है। देश में 640 जिले में से 429 जिलों में सीएसआर में गिरावट हुई है। सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना एक राष्ट्रीय अभियान के जरिए लागू की जाएगी और 100 चुने हुए जिलों में बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई केंद्रित रहेगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को शामिल किया जाएगा।”

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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