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खेल-कूद

अब विश्व चैम्पियनशिप है श्रीकांत का अगला लक्ष्य

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हैदराबाद, 27 जून (आईएएनएस)| लगातार दो सुपर सीरीज खिताब जीतकर सनसनी मचाने वाले भारत के शीर्ष पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत की निगाह पर अगस्त में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने पर है। श्रीकांत ने हाल ही में इंडोनेशिया ओपन और आस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीता है। दो बड़े खिताब जीतने के बाद वह मंगलवार को स्वदेश लौटे।

भारत लौटकर उन्होंने कहा कि आने वाले छह सप्ताहों में उनका ध्यान विश्व चैम्पियनशिप पर होगा और इस बीच वह कोई और टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे।

अपने पदकों को दिखाते हुए श्रीकांत बेहद खुश लग रहे थे। विश्व की 11वीं वरीयता प्राप्त इस खिलाड़ी ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन के लिए पिछले दो सप्ताह शानदार रहे।

उन्होंने भारतीय टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद और अन्य प्रशिक्षकों का शुक्रिया अदा किया।

उन्होंने कहा, मैं गोपी सर को विशेष तौर पर शुक्रिया कहना चाहता हूं। उनके बिना मैं यहां नहीं होता। उनके बिना मैं इस स्तर पर बैडमिंटन खेलने के बारे में सोच भी नहीं सकता था।

श्रीकांत लगातार तीन सुपरसीरीज टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे और इनमें दो में खिताब भी जीता। वह ऐसा करने वाले विश्व के पांचवें खिलाड़ी भी बन गए।

उनसे जब पूछा गया कि इस दौरान उनका सबसे कड़ा मुकाबला कौन सा रहा तो उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी मैच समान थे।

आस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में ओलम्पिक और विश्व विजेता चीन के चेन लोंग को हराकर खिताब जीतने वाले श्रीकांत ने कहा, हर मैच मुश्किल था।

श्रीकांत ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के नए अध्यक्ष हिमंत बिस्व सरमा ने जब से कार्यभार संभाला, तब से उनका रवैया बेहद अच्छा है।

श्रीकांत के साथ दो और बैडमिंटन खिलाड़ी एच.एस प्रनॉय और बी. साई प्रणीत को गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी और हैदराबाद जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष चामुंडोस्र्वानाथ ने सम्मानित किया।

श्रीकांत ने कहा, पिछले दो सप्ताह बेहद शानदार रहे। न सिर्फ मेरे लिए बल्कि भारतीय बैडमिंटन के लिए। हालांकि इंडोनेशिया ओपन में प्रणॉय का हार जाना निराशाजनक रहा। मैं फाइनल में उनके खिलाफ खेलना पसंद करता।

प्रणॉय ने इंडोनेशिया ओपन के प्री-क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के ली चोंग वेई और क्वार्टर फाइनल में चेन लोंग को मात दी थी, लेकिन सेमीफाइनल में जापान के काजुमासा साकाई से हार गए थे।

श्रीकांत को इंडोनेशिया ओपन जीतने के लिए तीन लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया।

प्रणॉय को दो लाख रुपये का पुरस्कार मिला।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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