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प्रादेशिक

गजब : योगी के मंत्री नहीं जानते जीएसटी का फुलफॉर्म, कैसे बताएंगे फायदे

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लखनऊ। जीएसटी एक जुलाई से पूरे देश में लागू होने जा रहा है। सरकार मंत्रियों को घर-घर जाकर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर ) के फायदे बताने का आदेश दे रही है, तो वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार के एक मंत्री को इसका फुल फॉर्म यानी पूरा विस्‍तार तक नहीं पता है। ऐसे में आप खुद ही समझ सकते हैं कि वे लोग जनता को जीएसटी के बारे में क्‍या बता पाएंगे।

यूपी के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं आदिवासी मामलों के मंत्री रमापति शास्त्री से जब मीडियाकर्मियों ने जीएसटी का फुल फॉर्म पूछा तो वह अटक गए। बता दें कि शास्त्री स्थानीय कारोबारियों को जीएसटी के फायदे समझा रहे थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही कैबिनेट सहयोगियों के साथ जीएसटी पर कार्यशाला की थी। इसमें वस्तु एवं सेवा टैक्‍स के बारे में विस्तार से समझाया गया था। शास्त्री बताते-बताते अटक गए, जीएसटी का फुल फॉर्म …लेकिन बता नहीं सके।

वहीं पास मौजूद किसी ने फुल फॉर्म बताया तो भी मंत्री नहीं पकड़ पाए कि वह सही है कि गलत। इसके बाद भी शास्त्री तपाक से बोले कि उन्हें फुल फॉर्म पता है, लेकिन अचानक वह उन्हें याद नहीं आया। वह बोले– मुझे फुल फॉर्म पता है। मैं जीएसटी के बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के लिए सभी संबंधित दस्तावेजों को पढ़ रहा हूं।

शास्त्री महाराजगंज जिले के प्रभारी मंत्री हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 जून को अपने मंत्रियों से कहा था कि वे जनता को जीएसटी के फायदे समझाएं क्योंकि नई कर व्यवस्था को लेकर जनता में भ्रम की स्थिति है। राज्य जीएसटी विधेयक को उत्तर प्रदेश विधानसभा के 15 मई को बुलाए गए विशेष सत्र में पेश किया गया था। इसके पारित होने के बाद सभी विधायकों के लिए कार्यशाला की गई। इसमें उन्हें प्रस्तावित कर व्यवस्था और इससे जुडे़ कानून के बारे में बताया गया।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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