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प्रादेशिक

‘मेक इन यूपी’ की लॉन्चिंग की तैयारी, इन्वेस्टमेंट-इम्प्लाटमेंट को मिलेगा बढ़ावा

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लखनऊ। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपनी ‘मेक इन यूपी’ नीति की शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी साझा की गई। (22:34)
उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत इसकी शुरुआत की जाएगी। योगी सरकार की कैबिनेट से हाल ही में पास हुई इस औद्यागिक नीति के तहत मेक इन यूपी नीति को अपनाए जाने का निर्णय लिया गया है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कैबिनेट की बैठक के बाद औद्योगिक नीति को स्पष्ट करते हुए कहा था कि केंद्र की तर्ज पर ‘मेक इन यूपी’ नीति को अपनाया जाएगा और इसके लिए विभाग की स्थापना की जाएगी।

इस दिशा में एक कदम बढ़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी साझा की गई। ट्वीट में कहा गया है कि इसके तहत मेक इन यूपी विभाग की स्थापना की जाएगी और राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके अलावा राज्य में नौकरियों की संभावना बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना भी शुरू की जाएगी।

साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय के अधीन सिंगल विंडो क्लीयरेंस विभाग भी बनाया जाएगा। औद्योगिक क्लस्टर या क्षेत्र में विशेष पुलिस बल तैनात किया जाएगा। वायु, सडक़, जल और रेल नेटवर्क को एक नेटवर्क बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री के ट्वीटर एकाउण्ट में एक अन्य पोस्ट में यह भी बताया गया है कि निवेश बढ़ाने और ब्रांड यूपी की मार्केटिंग के लिए ग्लोबल इंवेस्टर समिट का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही लघु, मध्यम उद्यम वेंचर कैपिटल फंड बनाया जाएगा। स्थानीय और जिला स्तर के व्यवसायों का व्यापार प्रचार भी होगा।

एक अन्य पोस्ट में बताया गया है कि औद्योगिक नीति के तहत उत्तर प्रदेश में मेगा इकाई का दर्जा और विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान होगा। हालांकि इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।

बताया गया है कि बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली या 500 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों, मध्यांचल एवं पश्चिमांचल क्षेत्रों में 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली या 750 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों और पश्चिमांचल में के गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में 200 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली कंपनी या 1000 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों को मेगा इकाई का दर्जा और विशेष प्रोत्साहन का लाभ मिलेगा।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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