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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन सेना से 10 लाख से अधिक सैनिकों को कम करेगा

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बीजिंग, 12 जुलाई (आईएएनएस)| वर्तमान में 23 लाख सैनिकों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति चीन अपने सैनिकों की संख्या को 10 लाख से कम करेगा। यह चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इतिहास में सबसे बड़ी सैन्य कटौती होगी।

‘पीएलए डेली’ द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब सक्रिय पीएलए सैनिकों की संख्या को दस लाख से कम किया जाएगा।

सेना में संरचनात्मक सुधार पर आधारित लेख के अनुसार, सैनिकों की विशाल तादाद पर आधारित पुरानी सैन्य संरचना को सुधार के बाद बदल दिया जाएगा।

साल 2015 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना से तीन लाख सैनिकों को कम करने का ऐलान किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, पीएलए नौसेना, पीएलए सामरिक सहायता बल और पीएलए रॉकेट बलों में सैनिकों की संख्या को बढ़ाया जाएगा, जबकि पीएलए वायुसेना के सक्रिय सेवा कर्मियों की संख्या उतनी ही रहेगी।

वीचैट के लेख में कहा गया, यह सुधार चीन के सामरिक लक्ष्यों और सुरक्षा आवश्यकताओं पर आधारित है। पूर्व में पीएलए ने जमीनी लड़ाई और गृहभूमि रक्षा पर ध्यान केंद्रित किया हुआ था जिसे अब मौलिक परिवर्तनों से गुजरना होगा।

चीन ने पिछले दो वर्षों में अपने रक्षा खर्च में कटौती की है।

राष्ट्रपति शी कम लेकिन आधुनिक सैन्य बल चाहते हैं।

चीन एक प्रमुख समुद्री शक्ति बनकर उभरा है और इसके अन्य देशों के साथ भूमि विवाद से ज्यादा समुद्री विवाद हैं।

14 पड़ोसियों से घिरे चीन का भूमि विवाद केवल भूटान और भारत के साथ है।

‘ग्लोबल टाइम्स’ ने चीन के शस्त्र नियंत्रण एवं निरस्त्रीकरण संगठन के वरिष्ठ सलाहकार शू गुआंगयू के हवाले से बताया, यह सुधार पीएलए रॉकेट बल, वायु सेना, नौसेना और सामरिक सहायता बल (मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार के लिए जिम्मेदार) सहित अन्य सेवाओं को अधिक संसाधन प्रदान करेगा और पीएलए विदेशी मिशनों को संचालित करने के लिए अपनी क्षमता को मजबूत करेगी।

शू ने कहा, चीन के विदेशी हित दुनिया भर में फैले हुए हैं, जिनका संरक्षण आवश्यक है। यह सेना की वर्तमान क्षमताओं से परे हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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