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अन्तर्राष्ट्रीय

‘नवाज शरीफ इस्तीफा देकर मुकदमा लड़ें’

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इस्लामाबाद, 12 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान के एक प्रमुख समाचार पत्र ने बुधवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से ‘लोकतंत्र में सही काम करने और भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर अस्थायी रूप से ही सही, इस्तीफा देने’ का अनुरोध किया है।

समाचार पत्र डॉन ने अपने संपादकीय में यह स्वीकार किया है कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को शरीफ के परिवार की विदेशों की संपत्ति से संबंधित रिपोर्ट पर्याप्त रूप से सही दस्तावेज नहीं है।

अखबार ने कहा, लेकिन, जेआईटी की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा उनके बच्चों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लोकतंत्र में ऐसे किसी प्रधानमंत्री को काम नहीं करना चाहिए, जिस पर संदेह के इस तरह के बादल हों।

संपादकीय के मुताबिक, सत्ताधारी पीएमएल-एन पार्टी शरीफ को पद पर बने रहने को कह सकती है और शरीफ ऐसा कर सकते हैं, लेकिन इससे लोकतंत्र को बहुत बड़ा नुकसान होगा।

समाचार पत्र ने कहा, प्रधानमंत्री के पास स्पष्ट विकल्प है। इस्तीफा दीजिए, अपने और अपने बच्चों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के खिलाफ लड़िए, अगर उनपर आरोप साबित नहीं होते हैं, तो वह पद पर पुन: बहाल हो सकते हैं, क्योंकि कानून इसकी मंजूरी देता है।

डॉन ने कहा कि अभी इस्तीफा देने का मतलब अपराध की स्वीकारोक्ति नहीं होगी। लेकिन पाकिस्तान को जरूरत नहीं है और वह वर्तमान प्रधानमंत्री को न्यायालय में भ्रष्टाचार के मामले से जूझते देखना बर्दाश्त करे।

संपादकीय में कहा गया, शरीफ के मन में व्यवस्था की निष्पक्षता को लेकर संदेह हो सकते हैं, लेकिन व्यवस्था को भी उनके प्रति संदेह है। व्यक्तिगत भावनाओं पर व्यवस्था को हावी होना चाहिए।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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