बिजनेस
एप्पल चीन में अपना पहला डाटा सेंटर खोलेगी
सैन फ्रांसिस्को, 13 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका की दिग्गज कंप्यूटर निर्माता कंपनी एप्पल चीन की एक स्थानीय डाटा प्रबंधन कंपनी के साथ सहयोग कर वहां अपना पहला डाटा सेंटर (ब्योरा केंद्र) खोलने को तैयार है।
एप्पल यह केंद्र चीन के कानून के अंतर्गत खोलेगी, जिसमें वैश्विक कंपनियों को देश के अंदर ही यूजर्स के डाटा संबंधी सूचनाएं एकत्र करने की जरूरत होती है। अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में बुधवार को आई एक खबर के मुताबिक, यह डाटा केंद्र एप्पल को चीन में हाल ही पारित नए अधिनियमों का पालन करते हुए उसे उत्पादों की विश्वसनीयता बढ़ाने और सेवाओं की गति तेज करने का मौका देगा।
एप्पल ने कहा कि उसके डाटा केंद्र के अंदर पर्दे के पीछे चीन से अधिकारियों को यूजर्स के डाटा तक पहुंचने की कोई सुविधा नहीं होगी।
खबर के अनुसार, डाटा केंद्र एप्पल को स्थानीय स्मार्टफोन प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने में मदद करेगा।
यह केंद्र प्रमुख तकनीकी कंपनी एप्पल को चीन में अपने आईओएस सेवाओं को अच्छे और कारगर तरीके से मुहैया कराने में भी मदद करेगा।
यह नया डाटा केंद्र एप्पल द्वारा चीन में 1 अरब डॉलर निवेश के हिस्से के तहत है। यह केंद्र गुइझोउ शहर में खोले जाने की योजना है।
स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए, एप्पल ने हाल ही में चीन के शंघाई और सूझोउ में दो अतिरिक्त अध्ययन एवं विकास केंद्रों को खोलने के लिए 50.8 करोड़ डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
एप्पल के ज्यादातर उत्पादों का निर्माण चीन में ही होता है और यहां उसके सर्वश्रेष्ठ इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर के साधन मौजूद हैं।
एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टिम कुक ने हाल ही में चीन विकास मंच के वार्षिक सम्मेलन में दिए भाषण में वैश्वीकरण का पक्ष लिया था।
कुक ने साइबर सुरक्षा और यूजर्स की गोपनीयता जैसे मुद्दों पर भी बात की थी। ये दोनों मुद्दे चीन में बहुत ही संवेदनशील विषय हैं।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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