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राष्ट्रपति चुनाव में गरिमापूर्ण प्रचार पर मोदी ने पार्टियों को धन्यवाद दिया

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नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में गरिमापूर्ण प्रचार के लिए सभी दलों को धन्यवाद दिया।

संसद के मानसूत्र सत्र की शुरुआत से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल एक केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी। संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक के बारे में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बेहतर रहा होता अगर राष्ट्रपति के चुनाव पर आम सहमति बन जाती। लेकिन, राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार बेहद गरिमापूर्ण रहा। कड़वे शब्दों या ऐसी भावनाओं के इस्तेमाल का एक भी मामला नहीं हुआ। मैं इसके लिए सभी को धन्यवाद देता हूं।

संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों और विधायकों से राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की अपील की।

मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित करने और संबंधित कानूनों को बनाने में सभी दलों के सहयोग के लिए उनको धन्यवाद दिया।

मोदी ने कहा कि ‘अंग्रेजो, भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर होने वाले आयोजनों पर संसद के दोनों सदनों में सरकार चर्चा करेगी।

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि सरकार मदद के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।

सर्वदलीय बैठक का तृणमूल कांग्रेस ने बहिष्कार किया जबकि जनता दल-युनाइटेड का कोई प्रतिनिधि इसमें नहीं दिखा।

बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी.राजा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार व तारिक अनवर, जनता दल सेकुलर के एच.डी. देवेगौड़ा, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश यादव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राजमोहन रेड्डी और तेलंगाना राष्ट्र समिति के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी ने शिरकत की।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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