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नेशनल

कानूनी क्षेत्र में तकनीक से होंगे क्रांतिकारी बदलाव

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नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| माई एडवो के सहयोग से लीगल फर्म लॉ पंडित्स ने ‘लीगल टेक फेयर 2017’ का आयोजन किया जिसमें वक्ताओं ने कहा कि कानूनी क्षेत्र में प्रतिभा और तकनीक के साथ मिलकर काम करने से क्रांतिकारी बदलाव हो सकते हैं।

इस अवसर पर भाजपा सांसद और अर्थशास्त्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, डिजिटलीकरण के युग में नई तकनीकों के आने से कानून उद्योग में परिवर्तन हो रहा है। अदालतें मामलों से घिरी हुई हैं, इसके लिए एक विशाल दस्तावेज भंडारण की आवश्यकता है और तकनीक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

दिल्ली में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में आने वाले लोगों और मेहमानों को कानून के क्षेत्र में ई-डिस्कवरी, केस मैनेजमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निग के इर्द-गिर्द कानूनी सेवाएं मुहैया कराने और उनका डेमो दिखाया गया।

वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा, लोगों द्वारा व्यवसायों में तकनीक को अपनाना एक व्यक्तिगत पसंद है। उसी प्रकार कानूनी उद्योग में भी तकनीक उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना अन्य उद्योगों में।

इस लीगल टेक फेयर में नामी और मशहूर वकीलों, प्रमुख न्यायाधीशों और कॉरपोरेट्स के वकीलों ने शिरकत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया को यह दिखाना था कि तकनीक से कैसे आम आदमी को कानूनी सेवाएं मुहैया कराने के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव लाया जा सकता है।

लोगों को कार्यक्रम में कानूनी क्षेत्र के प्रॉडक्ट्स के लाइव डेमो के अतिरिक्त कानूनी तकनीक में हुए विकास के विभिन्न नजरियों को समझने का मौका मिला। ‘लीगल टेक फेयर 2017’ का मकसद कानूनी क्षेत्र में सारे पारिस्थितकी तंत्र को एक साथ लाना है और इंडस्ट्री पर प्रभाव डालने वाले नए कारोबार और नियामक ट्रेंड, नई तकनीक और नई प्रतिभाओं को खोज निकालने के लिए कानूनी कामकाज का प्रबंधन करना है।

माईएडवो के सीईओ कुशलाल भगत ने कहा, लीगल टेक कार्यक्रम एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसने कानूनी उद्योग से जुड़े प्रतिभाशाली व्यक्तियों, प्रतिभाशाली युवा उद्यमियों को कानूनी उद्योग में तकनीक पर चर्चा करने के लिए एक साथ मंच पर लाने का काम किया।

लीगल टेक कार्यक्रम का उद्देश्य अदालतों में सालों से लटके हुए मामलों के कारण किसी व्यक्ति को इंसाफ मिलने में हुए विलंब का तकनीकी समाधान निकालना और सिस्टम को ऑटोमैटिक बनाना है, जिसके लिए मानव बल, समय और प्रयास की जरूरत है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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