लाइफ स्टाइल
घरेलू नुस्खों से पाएं चमकदार, आकर्षक नाखून
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| हम जानते हैं कि नाखून भी हमारे शरीर के जरूरी हिस्से हैं और अगर इनमें चमक न हो तो ये बेजान लगते हैं। ये हमारे आत्मविश्वास में भी कमी लाते हैं। इन्हें सही रखने के लिए हम बाजार के काफी उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इन उत्पादों के ज्यादा इस्तेमाल से नाखूनों पर काफी प्रभाव पड़ता है। अगर आपको भी यही समस्या है तो सौंदर्य और मेकअप विशेषज्ञ आशमीन मुंजालरू के घरेलू नुस्खों को जरूर अपनाएं, इससे आपके नाखून चमकदार और आकर्षक दिखेंगे।
– हर्बल मास्क नाखूनों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है। यह एक ऐसा घरेलू मास्क है, जिसका एक बार इस्तेमाल करने से कुछ दिनों में ही आप को आप के नाखूनों में अंतर पता चलने लगेगा। इसे बनाना काफी आसान है। आप एक कप गरम पानी में एक छोटा चम्मच कैलमाइन और पुदीने की पत्तियों को एक घंटे के लिए भिंगोएं और कुछ समय बाद पुदीने की पत्तियों को पानी से छान कर अलग कर लें, उसमें कुछ बूंदें ऑलिव ऑयल और अलमंड ऑयल और दो चम्मच गेंहू का आटा डालें।
इन सबको अच्छे से मिला कर मिश्रण तैयार करें और फिर उस मिश्रण को नाखूनों पर लगाएं। इससे आप के नाखून चमकदार और आकर्षक दिखेंगे। इसका एक बार इस्तेमाल करने से नाखूनों पर काफी असर दिखता है।
– अगर आप के नाखून ज्यादा टूटते हैं तो आप नींबू और नमक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दो चम्मच नमक में नींबू रस की कुछ बूंदें और गेंहू के बीज का तेल डालें। अगर आप के पास गेंहू के बीज का तेल नहीं है, तो आप ऑलिव ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मिश्रण को गुनगुने पानी में डालकर अच्छे से मिला कर मिश्रण तैयार करें और उसमे अपने नाखूनों को 10 से 15 मिनट तक रखें। इसका इस्तेमाल हफ्ते में दो-तीन बार करें और देखें कि इससे आप के नाखूनों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
– आप नाखूनों के लिए बियर वॉश भी अपना सकते हैं। इसे बनाने के लिए आधा कप बियर में एक-चौथाई गरम ऑलिव ऑयल और सेब का सिरका मिलाएं और 10 मिनट के लिए इस मिश्रण को लगाएं और मलें।
– आप वैसलीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह न केवल त्वचा की समस्याओं का निवारण करता है, बल्कि ये टूटते हुए नाखूनों के लिए भी लाभदायक है। अगर आपको नाखूनों को अच्छा व स्वस्थ बनाना है, तो वैसलीन का भी इस्तेमाल दिन में एक बार जरूर करें। इससे आप के नाखूनों पर काफी असर नजर आने लगेगा।
– अगर आप बड़े और सुंदर नाखून पाना चहते हैं, तो हमेशा अच्छे ब्रांड के नेलपेंट का ही इस्तेमाल करें। अगर आप ने पहले से ही नेलपेंट लगा रखा है, तो आप इस पर दूसरा नेलपेंट न लगाएं, क्योंकि उसमें मौजूद रसायन आप के नाखूनों को कमजोर कर सकता है।
लाइफ स्टाइल
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?
हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।
शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?
हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।
क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।
गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।
इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।
डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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