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कोविंद की स्‍पीच में नेहरू का जिक्र न करने पर भड़की कांग्रेस

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नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में मंगलवार को शपथ लेने वाले रामनाथ कोविंद के पहले भाषण पर राजनीति घमासान शुरू हो गया है। शुरुआत कांग्रेस की तरफ से हुई है।

कोविंद के भाषण पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के साथ दीनदयाल उपाध्याय का नाम तो लिया, लेकिन उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र तक नहीं किया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बुधवार को भी यह मामला कांग्रेस ने राज्यसभा में उठाया।

पार्टी सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार सुनियोजित तरीके से कांग्रेस के महान नेताओं के कद को छोटा करने में लगी है। उन्होंने राष्ट्रपति के भाषण का जिक्र करते हुए कहा, ‘आजादी के संग्राम के एक महान नायक नेहरू थे, जो हिंदुस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे।

वह 14 साल अंग्रेजों की जेल में रहे थे। इंदिरा गांधी 17 साल प्रधानमंत्री रहीं और देश के लिए शहीद हुईं। आज सरकार की तरफ से सुनियोजित तरीके से महात्मा गांधी के कद को छोटा दिखाना, पंडित नेहरू का नाम नहीं लेना… कल महात्मा गांधी की तुलना पंडित दीनदयाल उपाध्याय से की गई।’

वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महात्मा गांधी की तुलना पंडित दीनदयाल उपाध्याय से करना सही नहीं है।

इससे पहले मंगलवार को भी कांग्रेस ने कोविंद की स्पीच की आलोचना की। कहा था कि वह पूरे देश के राष्ट्रपति हैं और अब वह किसी दल को प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कोविंद की स्पीच पर आपत्ति जताई थी।

द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में आजाद ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति को बधाई देते हैं। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था कि उन्होंने अपने भाषण में नेहरू सरकार में मंत्री रहे सरदार पटेल और भीम राव आंबेडकर का जिक्र तो किया, लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री को भूल गए। नेहरू सिर्फ देश के पीएम नहीं, बल्कि आजाद भारत के पहले पीएम थे। ‘

आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में महात्मा गांधी के साथ ही दीन दयाल उपाध्याय का जिक्र किया गया। राष्ट्रपति कोविंद अपने भाषण में देश की राजनीति के ऐसे दिग्गजों का जिक्र करने से साफ-साफ बचते दिखे, जिनका संबंध कांग्रेस से था। आजाद के मुताबिक, कोविंद ने जिनका जिक्र किया भी, उन्हें कहीं न कहीं भगवा ताकतें पसंद करती हैं।

बता दें कि कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपतियों को याद करते हुए कहा था, ‘मुझे इस बात का पूरा एहसास है कि मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर एपीजे. अब्दुल कलाम और मेरे पूर्ववर्ती प्रणव मुखर्जी, जिन्हें हम स्नेह से प्रणव दा कहते हैं, जैसी विभूतियों के पदचिह्निों पर चलने जा रहा हूं।’

अगले ही वाक्य में राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू या किसी अन्य कांग्रेस नेता का जिक्र किए बगैर कहा, ‘बाद में सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया।

हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी भीमराव आंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया।’ कोविंद ने दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, ‘ये हमारे मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ये हमारे सपनों का भारत होगा। ऐसा ही भारत 21वीं सदी का भारत होगा।’

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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