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बिजनेस

200 रुपये की छपाई शुरू, एटीएम में नहीं होगी कोई तब्दीली

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नई दिल्ली। सरकार ने 200 रुपये का नया नोट लाने की तैयारी पूरी कर ली है।खबरों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक  ने 200 रुपए के नए नोटों की छपाई शुरू कर दी है।इसके अलावा इसे लॉन्‍च करने की तारीख भी तय हो चुकी है, हालांकि अभी इस तारीख का खुलासा नहीं किया गया है। सबसे खास बात यह है कि इन नए नोटों के लिए एटीएम में कोई तब्‍दीली नहीं करनी होगी।

 खबर यह भी है कि बाजार में दो हजार रुपये के नोटों की जमाखोरी हो रही है जिसकी वजह से इसकी कमी महसूस की जा रही है। 2000 के नोटों की छपाई तय संख्या के हिसाब से हुई है और आगे भी जरूरत के मुताबिक ही छपाई होगी।

अभी बाजार में एक रुपये के अलावा 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 रुपये के नोट जारी किए जाते हैं। छोटी और बड़ी कीमत के नोटों में अंतर अधिक होने के चलते ही सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ मिलकर 200 रुपये के नोट लाने की योजना बनायी।

आपको बता दें कि बुधवार को राज्यसभा में 2000 के नोटों का मामला उठा। जहां सपा सांसद नरेश अग्रवाल और जदयू सांसद शरद यादव ने सरकार से 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद होने को लेकर चल रही अटकलों पर सफाई देने को कहा। यहां पर मांग प्वाइंट ऑफ ऑर्डर की उठी।

वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ-साफ तो कुछ भी नहीं कहा लेकिन ये जरूर कह दिया कि ये मामला ‘प्वाइंट ऑफ ऑर्डर’ का नहीं, बल्कि ‘प्वाइंट ऑफ होर्डर’ का है। जेटली की इस टिप्पणी के साथ ही नोटों को लेकर उठ रही आवाज एकदम शांत हो गयी और फिर आगे की कार्यवाही शुरू हो गयी।

 

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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