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अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल के जेरूशलम में उठाए गए कदमों की निंदा

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काहिरा, 28 जुलाई (आईएएनएस)| अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने गुरुवार को पूर्वी जेरूशलम में इजरायल द्वारा उठाए गए कदमों की कड़ी निंदा करते हुए जोर दिया कि इजरायल की हालिया प्रक्रियाएं अवैध हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह शांति तथा सुरक्षा बरकरार रखने की जिम्मेदारी का दायित्व व जेरूशलम से संबंधित प्रस्तावों का कार्यान्वयन पूरा करे तथा पूर्वी जेरूशलम में इजरायल की नीतियों व उसके द्वारा किए जा रहे उल्लंघनों पर रोक लगाए।

पूर्वी जेरूशलम में इजरायली कार्रवाइयों की जांच के लिए काहिरा में अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने एक आपात बैठक की।

सभी विदेश मंत्रियों ने तमाम देशों से फिलिस्तीन मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र तथा यूनेस्को कार्यकारिणी बोर्ड के प्रस्तावों के कार्यान्वयन की भी मांग की। विदेश मंत्रियों ने यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेड कमेटी के प्रस्तावों के भी कार्यान्वयन की मांग की, जिसके मुताबिक अल-अक्सा मस्जिद नमाज के लिए समर्पित है और विश्व विरासत का अखंड हिस्सा है।

मस्जिद के निकट 14 जुलाई को तीन सशस्त्र फिलिस्तीनियों व दो इजरायली पुलिसकर्मी के मारे जाने के बाद से तनाव बना हुआ है। मस्जिद गेट पर लगाए गए मेटल डिटेक्टर को लेकर लगभग रोजाना इजरायली सुरक्षाबलों तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें होती रही हैं।

मस्जिद परिसर के बाहर इजरायल की कार्रवाई का बदला लेने का दावा करने वाले एक फिलिस्तीनी ने चाकू मारकर तीन इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी थी, जबकि चार फिलिस्तीनी भी मारे गए थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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