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नेशनल

जलियांवाला कांड का प्रतिशोध लेने वाले महान क्रांतिकारी ऊधम सिंह (31 जुलाई, पुण्यतिथि विशेष)

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मात्र 16 वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने बैशाखी के पर्व पर अमृतसर के जलियावाला बाग में हुए नरसंहार को अपनी आंखों से देखा। सभी लोगों के घटनास्थल से चले जाने के बाद वे वहां फिर गए और वहां की मिट्टी को अपने माथे पर लगाकर कांड के खलनायकांे से बदला लेने की प्रतिज्ञा की।

उन्होंने अमृतसर में एक दुकान भी किराये पर ली। अपने संकल्प को पूरा करने के लिए वे अफ्रीका से अमेरिका होते हुए 1923 में इंग्लैंड पहुंच गए। वहीं क्रांतिकारियों से उनका संपर्क हुआ। 1928 में वे भगत सिंह के कहने पर भारत वापस आ गए। लेकिन लाहौर में उन्हें शस्त्र अधिनियिम के उल्लंघन के आरोप में पकड़ लिया गया और चार साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद वे फिर इंग्लैंड चले गए।

13 मार्च, 1940 को वह शुभ दिन आ ही गया जब ऊधम सिंह को अपना संकल्प पूरा करने का अवसर मिला। इंग्लैंड की राजधानी लंदन के कैक्स्ट्रन हाल में एक सभा होने वाली थी। इसमें जलियावांला बाग कांड के दो खलनायक सर माइकेल ओ डायर तथा भारत के तत्कालीन सेक्रेटरी ऑफ स्टेट लार्ड जेटलैंड आने वाले थे। ऊधम सिंह चुपचाप मंच से कुछ दूरी पर बैठ गए और उचित अवसर की प्रतीक्षा करने लगे।

सर माइकल ओ डायर ने भारत के खिलाफ खूब जहर उगला। जैसे ही उनका भाषण पूरा हुआ ऊधम सिंह ने गोलियां उनके सीने में उतार दी। वह वहीं गिर गए, लेकिन किस्मत से दूसरा खलनायक भगदड़ की वजह से बचने में कामयाब हो गया। भगदड़ का लाभ उठाकर ऊधम सिंह भागे नहीं, बल्कि स्वयं ही अपने आप को गिरफ्तार करवा लिया।

न्यायालय में ऊधम सिंह ने सभी आरोपों को स्वीकार करते हुए कहा, मैं 21 वर्षो से प्रतिशोध की ज्वाला में जल रहा था। डायर और जैटलैंड मेरे देश की आत्मा को कुचलना चाहते थे। इसका विरोध करना मेरा कर्तव्य था। न्यायालय के आदेश पर 31 जुलाई, 1940 को पेंटनविला जेल में ऊधम को फांसी दे दी गई।

स्वतंत्रता प्राप्ति के 27 साल बाद 16 जुलाई, 1974 को उनके भस्मावशेषों को भारत लाया गया तथा पांच दिन बाद हरिद्वार में प्रवाहित किया गया। (आईएएनएस/आईपीएन)

(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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