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बिजनेस

बिगड़ेगा रसोई का बजट, महंगा हुआ एलपीजी सिलेंडर

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नई दिल्ली। सब्सिडी वाला रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर मंगलवार रात से दो रुपये महंगा हो गया जबकि बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत 40 रुपए कम की गई है। सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत में वृद्धि सरकार के इस वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी सब्सिडी को खत्म करने के निर्णय का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है कि सरकार की मार्च 2018 तक एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी पूरी तरह खत्म करने की योजना है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा था कि हर महीने सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 4 रुपये की बढ़त करने के लिए कहा जा चुका है। सरकार ने इसके पहले इंडियन ऑयल (आईओसी), भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से कहा था कि वो 14.2 किलोग्राम वाले सब्सिडाइज्ड एलपीजी सिलेंडर में 2 रुपए प्रतिमाह का इजाफा (वैट को छोडक़र) करें। लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए प्रधान ने कहा कि लेकिन अब इसे दोगुना कर दिया गया है ताकि सब्सिडी को जीरो पर लाया जा सके।

इसका मतलब यह है कि अगले साल मार्च तक सिलेंडर की कीमत 32 रुपए बढ़ेगी। बता दें कि फिलहाल हर कनेक्शन पर सालभर में 12 सिलेंडर सब्सिडी रेट पर मिलते हैं। इसके बाद कंज्यूमर्स को मार्केट रेट पर सिलेंडर खरीदना पड़ता है।

इस प्रस्ताव के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने मंगलवार को केंद्र सरकार से सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की कीमत में हर महीने चार रुपये की वृद्धि का फैसला वापस लिए जाने की मांग की है। कांग्रेस सदस्य के.सी. वेणुगोपाल ने शून्यकाल में मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार रसोई गैस पर सब्सिडी हटाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे देश के आम आदमी पर प्रभाव पड़ेगा।

वेणुगोपाल ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही हैं। फिर उनके पास गैस सब्सिडी समाप्त करने का क्या औचित्य है? सरकार को अपना फैसला तत्काल वापस लेना चाहिए।”

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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