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नोटबंदी के बाद छापेखानों, पेपर मिल के विस्तार पर जोर
नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)| अचानक लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद देश में नोट छापने की प्रणाली में बड़ा सुधार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पिछले साल नोटबंदी के फैसले के बाद देश में मौजूद छापेखानों की काम करने की अधिकतम सीमा उजागर हुई और नई मुद्रा की आपूर्ति में कमी के चलते महीनों तक लोगों को बैंकों और एटीएम बूथों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में दिन-दिन भर खड़े रहना पड़ा।
इसे देखते हुए सरकार ने देश में मुद्रा छापने वाले प्रेस और पेपर मिल के विस्तार, स्वदेशीकरण और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है।
मुद्रा छापने के प्रेस में इस्तेमाल हो रही पुरानी प्रौद्योगिकी और पेपर मिल की सीमित क्षमता के चलते नोटबंदी के बाद मुद्रा की छपाई मांग की तुलना में कहीं पीछे रह गई।
पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए सरकार अब देश की मुद्रा छपाई प्रणाली को सुदृढ़ करने में लगी हुई है।
नासिक और देवास के मुद्रा छापेखानों में जहां 2018 के आखिर तक छपाई की नई मशीनें लगाई जाएंगी, वहीं मुद्रा छपाई में देश आत्मनिर्भरता हासिल करने और स्वदेशीकरण करने के उद्देश्य से दो नए पेपर मिल भी लगाए जाएंगे।
सरकार में एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, हम नई छपाई प्रणालियां स्थापित करने जा रहे हैं। हम नासिक और देवास के मुद्रा छापेखानों की क्षमता में वृद्धि करने जा रहे हैं। इसमें दो वर्ष लगेंगे और यह 2018 तक पूरा होगा।
अधिकारी ने कहा, इस पर काम शुरू हो चुका है। मुद्रा छपाई प्रणाली में सुधार के लिए वैश्विक स्तर पर निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नई मुद्रा छपाई प्रणालियों के अंतर्गत उन्नत प्रौद्योगिकी के तहत नई मुद्राएं छापी जाएंगी, जिसमें एकबार में 1,000 से 2,000 अतिरिक्त शीट पर छपाई की जा सकेगी। मौजूदा मशीनों की क्षमता 8,000 शीट प्रति घंटा है।
भारत में नोट छापने के लिए चार मुद्रा प्रेस हैं। कर्नाटक के मैसूर में और पश्चिम बंगाल के सालबोनी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो प्रेस हैं, जबकि महाराष्ट्र के नासिक और मध्य प्रदेश के देवास में सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएमपीसीआईएल) के दो मुद्रा प्रेस हैं।
सरकारी स्वामित्व वाली एसएमपीसीआईएल की स्थापना 2006 में की गई थी, जो नोटों की छपाई, सिक्कों की ढलाई और गैर-न्यायिक स्टांप पेपर की छपाई का काम करता है।
नासिक और देवास के छापेखानों की क्षमता 60 करोड़ नोट प्रति महीने है। वहीं मैसूर और सालबोनी स्थित छापेखानों की क्षमता 16 अरब नोट प्रति वर्ष है।
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महाराष्ट्र के वाशिम में बोले सीएम योगी- ‘बंटिए मत, बंटे थे तो कटे थे’, एक हैं तो सेफ हैं
वाशिम। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने एक बार अपना पुराना बयान दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। अपनी ताकत का एहसास करवाइए, जातियों में मत बंटना। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अभी भगवान राम ने दिवाली का आनंद लिया है। पूरी दुनिया ने देखा कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा रही थी। ये तो शुरूआत है, केवल अयोध्या ही नहीं, अब तो हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं।
सीएम योगी ने आगे कहा कि वाशिम विधानसभा क्षेत्र में उमड़ा यह अपार जन सिंधु महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस दुष्ट अफजल को मार गिराया था उसके नाम पर औरंगाबाद का नाम होना, याद करना इसको हटना ही चाहिए था, इसे संभाजीनगर के रूप में पहचान मिलनी ही थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का संघर्ष हो या संभाजी महाराज का, हमें नई प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबको एकजुट करके लेकर गए थे। हर भारतवासी को अपने साथ जोड़े थे। अपनी सेना का हिस्सा बनाए थे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में दो महा गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ महायुति गठबंधन है और दूसरी और महा अघाड़ी के रूप में ‘महाअनाड़ी’ गठबंधन है। मैं अनाड़ी इसलिए कहता हूं जिसे राष्ट्र की चिंता नहीं हो, वह अनाड़ी ही होगा। एक समय था जब आतंकवादी देश में घुसकर विस्फोट करते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई सीमा पर अतिक्रमण करता है तो उसका राम नाम सत्य हो जाता है। सीएम योगी ने वाशिम में शिवाजी बनाम औरंगजेब का वैचारिक मुद्दा उठाकर हिन्दुत्व को तेज धार देने वाली स्पीच दी।
योगी ने कहा कि जिस तरह से वाशिम विधानसभा क्षेत्र में लोग उमड़े हैं, यह महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताएं तो आएंगी-जाएंगी, लेकिन हमारा ‘भारत’ रहना चाहिए और ‘भारत’ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। विपक्षी कहते थे राम हुए नहीं, कृष्ण हुए नहीं, आज भले ये चुनाव में कह रहे हो लेकिन इन पर भरोसा मत करिएगा। राम हमारी रग-रग में हैं, कण-कण में हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने आगे कहा कि बंटिए मत! क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं।
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