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प्रादेशिक

‘जेआईटी’ और ‘सहायता ट्रस्ट’ की पहल से छात्र मुफ्त में कर सकेंगे B.tech

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लखनऊ। शिक्षा के क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए समर्पित एनजीओ ‘सहायता ट्रस्ट’ ने अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को B.tech कराने का ज़िम्मा उठाया है। संस्था ने छात्रों के शिक्षण शुल्क चुकाने की योजना शुरू की है। संस्था इस योजना को कई शासकीय छात्रवृत्ति योजनाओं और बाराबंकी के ‘जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ (जेआईटी) के सहयोग से लागू करेगी।Online minority scholarship, B.tech, सहायता ट्रस्ट, sahayatatest@gmail.com, www.jit.edu.in, सैय्यद अनीसुद्दीन, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, सहायता स्कालरशिप ऑनलाइन टेस्ट, ब्रिगेडियर सैयद अहमद अली

संस्था के सीईओ सैय्यद अनीसुद्दीन के अनुसार, “हमारा लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाना है। हमने उत्तर भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों के सर्वेक्षण के आधार पर, कई कारणों से, जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट को चुना है। यह कॉलेज लखनऊ से केवल 45 मिनट की दूरी पर स्थित है। संस्थान का शैक्षणिक स्टाफ अनुभवी है, इसकी आधारभूत संरचना मज़बूत है, वातावरण अच्छा है, प्रयोगशालाएं सुसज्जित हैं। हॉस्टल की उत्तम व्यवस्था है।”

पंजीकरण 20 जुलाई से 20 अगस्त के बीच किसी भी समय ऑनलाइन कराया जा सकता है। टेस्ट गणित, भौतिकी और रसायनशास्त्र के इंटरमीडिएट स्तर के पाठ्यक्रम पर आधारित होगा। अधिक जानकारी के लिए, उम्मीदवार मोबाइल नंबर +91 8712900055 पर फ़ोन कर सकते हैं। साथ ही [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं।

अनीसुद्दीन ने बताया कि सहायता ट्रस्ट 12वीं कक्षा में 85% लाने वाले लड़कों और 65% या अधिक अंक लाने वाली लड़कियों की आर्थिक सहायता करेगा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति ब्रिगेडियर सैयद अहमद अली ने बताया कि उच्च शिक्षा में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की भागीदारी बहुत कम है। इसकी वजह उनकी कमज़ोर आर्थिक दशा और अच्छे कालेज की कमी है। पिछले कई सालों से जेआईटी इस गैप को पूरा कर रहा है।

जेआईटी निदेशक डॉ. (प्रो.) ख्वाजा एम रफ़ी ने सहायता ट्रस्ट के साथ इस समझौते पर सहमति जताई। इस मौके पर जहांगीराबाद मीडिया संस्थान के निदेशक डॉ मो ज़ुबैर खाँ, सहायक निदेशक सर्वेश कुमार मौजूद थे।

ऐसे कराएं पंजीकरण

अल्पसंख्यक समुदाय और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की 100 लड़कियों और 50 लड़कों की इस योजना के जरिए मदद की जाएगी। लाभार्थियों का चुनाव एक ऑनलाइन टेस्ट के जरिये किया जायेगा। इस टेस्ट में 50 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। ऑनलाइन टेस्ट घर से बैठकर दिया जा सकता है। जो छात्र यह टेस्ट देना चाहते हैं, वे www.jit.edu.in पर जाकर, ‘सहायता स्कालरशिप ऑनलाइन टेस्ट’ पर क्लिक कर, अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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