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मप्र : मेधा की वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी नाकाम, जेल में अनशन जारी

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भोपाल/धार, 11 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में नर्मदा घाटी से विस्थापित किए जाने वाले 40 हजार परिवारों के हक के लिए लड़ रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर शुक्रवार को भी धार जेल में हैं।

उनका अनशन 16वें दिन भी जारी रहा। जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उनकी पेशी नाकाम रही। सुनवाई अब शनिवार को होगी। वहीं आंदोलनकारियों ने मेधा की जान को खतरा बताया है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मेधा की 9 अगस्त को गिरफ्तारी होने के बाद सरकार दूसरे दिन भी उन्हें अदालत में पेश नहीं कर पाई। जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कुक्षी एसडीएम अदालत से संपर्क साधने की कोशिश की गई, जो कारगर नहीं हो पाई। तीसरे दिन शनिवार को सुनवाई जारी रहेगी।

विज्ञप्ति के अनुसार, मेधा पाटकर नर्मदा घाटी के प्रभावितों, जल, जंगल, लाखों पेड़, स्कूल, कई गांव और पूरी नर्मदा घाटी को सरकार द्वारा गैर कानूनी तरीके से डुबाए जाने और हजारों लोगों को जबरन बेदखल किए जाने के खिलाफ 27 जुलाई से ही अनशन कर रही हैं। अनशन के 12वें दिन उन्हें जबरन एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 14वें दिन अस्पताल से छोड़े जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल ले जाया गया। शुक्रवार उनके अनशन का 16वां दिन था।

दूसरी ओर, धार जिला अस्पताल में रखे गए मेधा के साथी नौ अनशनकारियों को चिखल्दा पहुंचा दिया गया। ये सभी वहां पहुंचते ही अन्य साथियों द्वारा किए जा रहे अनशन में फिर शामिल हो गए। उनके जज्बे के स्वागत में कई गीत गाए गए।

आंदोलन के कार्यकर्ता अमूल्य निधि ने आईएएनएस से कहा, मेधा को धार जिला जेल से कुक्षी एसडीएम की अदालत तक लाने के लिए पुलिस बल नहीं था। वहीं नर्मदा घाटी में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दमनचक्र चलाया जा रहा है। जेल में भी मेधा सुरक्षित नहीं हैं, उनकी जान को खतरा है।

निधि ने बताया कि सरकार मेधा से एक साल का बांड भरवाना चाह रही है कि इस अवधि में वह डूब प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाएंगी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव बादल सरोज ने एक बयान जारी कर कहा, मेधा पाटकर के साथ मध्यप्रदेश सरकार का व्यवहार असभ्य से क्रूर और निर्मम होते हुए अब बर्बरता की हद तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा, 14 दिन की भूख हड़ताल के बाद अस्पताल से अपने कार्यक्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलने जाते समय उन्हें गिरफ्तार कर धार की जेल में बंद कर दिया जाना जहां मानवीय संवेदनाओं और सारे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन था, वहीं अब एक वर्ष तक उनके नर्मदा घाटी के डूब प्रभावित इलाके में प्रवेश को प्रतिबंधित करके असंवेदनशील मुख्यमंत्री ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं।

जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की सलाहकार सुनीति एस.आर. ने कहा कि उन्हें आज गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की याद आ रही है। गांधीजी ने चंपारण में प्रवेश न करने की अंग्रेजों की शर्त कोर्ट में नामंजूर की थी। तब ब्रिटिश सरकार ने गांधीजी पर लगाए आरोप हटा लिए थे और उन्हें मुक्त किया था। अब क्या होगा, ये देखने का विषय होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृहराज्य गुजरात के फायदे के लिए मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर किए जाने से नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक पूर्ण पुनर्वास के बाद विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था। वह तारीख बीत गई है। विस्थापितों को जहां बसाया जाना है, वहां सुविधाओं का घोर अभाव है।

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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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