नेशनल
ममता सरकार केंद्र के स्वतंत्रता दिवस नियमों के खिलाफ, जावड़ेकर का पलटवार
नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्र द्वारा प्रस्तावित न्यू इंडिया की शपथ के अनुसार स्वतंत्रता दिवस न मनाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को रविवार को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए आशा जाहिर की कि ‘बुद्धिमत्ता की जीत होगी।
‘ मानव संसाधन विकास मंत्री ने पूछा, मैं (पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी) पत्र की भाषा पर हैरान हूं ..यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने ‘इस प्रकार’ स्वतंत्रता दिवस न मनाने का फैसला किया है। हमने जिस प्रकार इसे मनाने का सुझाव दिया है, उसमें क्या गलत है?
जावड़ेकर ने कहा कि किसी को भी भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ और 70वां स्वतंत्रता दिवस एचआरडी मंत्रालय के सुझावों के अनुरूप मनाने के लिए बाध्य नहीं किया गया था, फिर भी सभी ने स्वेच्छा से निर्देशों का पालन किया।
सभी जिला परियोजना अधिकारियों को भेजे गए एक पत्र में सर्व शिक्षा अभियान-पश्चिम बंगाल ने उन्हें ‘एमएचआरडी के संयुक्त सचिव मनीष गर्ग के 25 जुलाई, 2017 के पत्र के अनुसार स्वतंत्रता दिवस की सभी तैयारियां’ रोकने का निर्देश दिया है।
11 अगस्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा फैसला लिया गया है कि स्वतंत्रता दिवस 2017 इस प्रकार नहीं मनाया जाएगा।
मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस और भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को कई निर्देश जारी किए थे।
संस्थानों को नौ से 30 अगस्त के बीच सांप्रदायिकता, जातिवाद, गरीबी, आतंकवाद और अस्वच्छता से आजादी के लिए शपथ ग्रहण समारोह, आजादी के संघर्ष पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, किसी भी शहीद के स्मारक की यात्रा और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्देश दिया गया था।
जावड़ेकर ने कहा, ये राजनीतिक एजेंडा नहीं, धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रीय एजेंडा है..मैं यह देखकर बेहद खुश हूं कि सभी इसमें स्वेच्छा से भाग ले रहे हैं और हमारी वेबसाइट पर इसकी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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