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योगी सरकार की सख्ती, मदरसों को ऑनलाइन करने को लॉन्च किया पोर्टल
नई दिल्ली । यूपी की योगी सरकार ने गुरुवार को मदरसों पर सख्ती के लिए नया आदेश जारी किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में संचालित होने वाले सभी मदरसों को ऑनलाइन किया जाएगा। यह कदम योगी सरकार ने मदरसों में होने वाली धांधली को रोकने के लिए उठाया है।
सरकार की तरफ से शुक्रवार को पोर्टल लॉन्च किया गया है। इसके बाद मदरसा शिक्षा बोर्ड से जुड़े तमाम मदरसों में होने वाली किसी भी अनियमितता को रोकने में मदद मिलेगी।
पोर्टल के लॉन्च होने के बाद तमाम मदरसों को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इससे बड़े स्तर पर धांधली रोकने में
मदद मिलेगी।
पोर्टल में राज्य के तमाम अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों को ऑनलाइन किया जाएगा। इसकी मदद से मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में भी मदद मिलेगी।
साथ ही मदरसों की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने में भी सरकार को मदद मिलेगी। पोर्टल के लॉन्च होने बाद वेतन भुगतान, छात्रवृत्ति सहित कई दिक्कतों का निपटारा ऑनलाइन किया जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 6725 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।
ऑनलाइन पोर्टल पर मदरसों की फोटो भी अपलोड की जाएंगी। इसके अलावा वेबसाइट पर शिक्षकों के स्वीकृत पद, तमाम तैनात कर्मचारी और रिक्त पदों का भी ब्योरा उपलब्ध रहेगा।
पोर्टल पर कई कर्मचारी और शिक्षक वेतन सहित तमाम बिलों के भुगतान के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इसका निपटारा ऑनलाइन करने की भी व्यवस्था की गई है। यही नहीं, अधिकारियों की मंजूरी के बाद कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन को भी सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
बता दें कि यूपी की योगी सरकार राज्य में चल रहे मदरसों को लेकर नए-नए कदम उठा रही है। 15 अगस्त के मौके पर राज्य सरकार ने प्रदेश में संचालित होने वाले सभी मदरसों को तिरंगा फहराने का आदेश दिया था।
साथ ही स्वतंत्रता दिवस के पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करने का भी आदेश दिया था। सरकार के इस कदम का मुसलिम संगठनों की तरफ से विरोध भी किया गया था। मुसलिम संगठनों ने कहा था कि इस आदेश को जारी करने से ऐसा लगता है कि सरकार हम पर शक कर रही है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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