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प्रादेशिक

5 साल बाद दिखेगा देश में जीएसटी का पॉजिटिव इंपैक्‍ट

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जीएसटी, पॉजिटिव इंपैक्‍ट, अ‍र्थव्‍यवस्‍था, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी,

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लखनऊ। देशभर में पहली जुलाई से लागू हो चुके सबसे बड़े टैक्‍स सिस्‍टम जीएसटी का अ‍र्थव्‍यवस्‍था में सकारात्‍मक प्रभाव आगामी 5 से 10 सालों में दिखेगा। हालांकि जीएसटी के चौतरफा फायदे की झलक पाने के लिए कम से कम 5 साल इंतजार करना होगा।

ये बातें आईबीएस, गुड़गांव के डायरेक्‍टर प्रो. एससी शर्मा ने कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में कहीं।

प्रो. शर्मा सोमवार को आईसीएफएआई बिजनेस स्‍कूल के सहयोग और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की फैकल्‍टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की देखरेख में आयोजित समारोह में बतौर मुख्‍य अतिथि थे। ‘इंप्लिमेंटेशन ऑफ जीएसटी : व्‍हाट इट बिगिन्‍स विद इट फॉर इंडिया’ विषयक सेमिनार में मुख्‍य अतिथि ने जीएसटी के ढेरों फायदे गिनाएं।

उन्‍होंने जीएसटी लागू करने की दिशा में आम लोगों और कारो‍बारियों में भ्रम की स्थिति दूर करने पर जोर दिया।

प्रो. शर्मा ने जोर देकर कहा कि ‘एक देश–एक कर’ प्रणाली लागू होने से देश और राज्‍य के खाली हो चुके खजानों में बड़ी मात्रा में पैसा आएगा। इससे देश के आधारभूत ढांचा मजबूत होगा और विकास योजनाओं सहित देश की तरक्‍की में काम आने वाले उपक्रमों को गति मिलेगी।

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सेमिनार में मौजूद शिक्षकों और बच्‍चों को संबोधित करते हुए आईबीएस के निदेशक ने दावा किया कि जीएसटी से महंगाई पहले बढ़ेगी, फि‍र स्थिर होगी और क्रमश: कम होती जाएगी।

जीएसटी लागू होने के दूरगामी परिणामों के बारे में प्रो. एससी शर्मा के दिए व्‍याख्‍यान के मुख्‍य बिंदु––––––

1–जीएसटी से देश की अर्थव्‍यवस्‍था धीरे–धीरे मजबूत होगी

2–जीएसटी नंबर न होने पर कोई भी अपंजीकृत कारोबारी या शख्‍स कारोबार नहीं कर सकेगा

3– कर दाताओं की संख्‍या बढ़ेगी, इससे ज्‍यादा से ज्‍यादा पैसा सरकार के खजाने में आएगा। यह पैसा देश के विकास में काम आएगा

4– खजाने में पैसा रहेगा तो बड़ी परियोजनाओं के लिए सरकार को आरबीआई या विदेशों से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा

5– लॉजिस्टिक सेक्‍टर के खर्चों में भारी कमी आएगी। चूंकि इस क्षेत्र  की देश अर्थव्‍यवस्‍था में बड़ी भूमिका है। इसलिए अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार देखने को मिलेगा।

6– देश की जीडीपी में बढ़ोतरी दिखेगी।

इस खबर का न्‍यूज वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें––

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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