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खेल-कूद

विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप : साक्षी, विनेश भी नहीं ला सकीं पदक

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पेरिस, 24 अगस्त (आईएएनएस)| यहां खेली जा रही विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप का चौथा दिन गुरुवार भी भारत के पदक के सूखे को खत्म नहीं कर सका और रियो ओलम्पिक-2016 में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक भी पदक जीतने में असफल रहीं।

इस चैम्पियनशिप के चौथे दिन चार महिला पहलवान फ्री स्टाइल कुश्ती में भारत की पदक की उम्मीदों को लेकर मैट पर उतरीं, लेकिन सभी अंतत: खाली हाथ लौटीं।

भारत की विनेश फोगाट ने अपने प्रारम्भिक मैच में यूक्रेन की लिवाच ओक्साना के खिलाफ दमदार शुरुआत करते हुए 13-3 से मुकाबला जीत लिया, लेकिन अमेरिकी खिलाड़ी एन्थोनी विक्टोरिया के खिलाफ दूसरे मुकाबले में उन्हें 4-0 की बढ़त के बावजूद डिफेंसिव होने लगीं। विनेश अपने स्वभाव के विपरीत रक्षात्मक हो गईं। बढ़त के बाद विनेश द्वारा समय बर्बाद करना और अगले मैच के लिए ऊर्जा बचाने की रणनीति काम नहीं आई। और अंत में विक्टोरिया ने काउन्टर कर विनेश को अपनी ही टेक्निक में उलझा कर रख दिया।

अमेरिकी पहलवान ने पूरा फायदा उठाते हुए विनेश को दोबारा मौका नहीं दिया और मुकाबला जीत ले गईं। विक्टोरिया हालांकि अगले मुकाबले में जापान की युकी सुसकी से हार गईं। इस तरह भारत की चुनौती 48 किलोग्राम भारवर्ग में समाप्त हो गई। विनेश को प्रतियोगिता में 27 पहलवानों के बीच 10वां स्थान हासिल हुआ।

60 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की ओलम्पिक पदक विजेता साक्षी अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन करने में असमर्थ रहीं। वह अपना पहला मुकाबला जर्मनी की निएमेस्च लुइसा हेल्गा से 2-3 के अंतर से हार गईं। साक्षी का अतिआत्मविश्वास उनपर भारी पड़ गया। मैच के शुरुआती दौर से ही साक्षी ने लुइसा पर 2-0 की बढ़त बना ली थी। उसके बाद साक्षी पूरे मैच के दौरान अपनी ऊर्जा बचाने में लगी रहीं।

मैच के अंत से कुछ क्षण पहले ही लुइसा ने साक्षी पर 3 अंक का दाव खेला व स्कोर 3-2 के साथ ही अपने पक्ष में बढ़त बना ली। अब मुकाबले के कुछ ही सेकेंड शेष रह गए थे। अंतिम समय में साक्षी ने अंक बटोरने के भरपूर प्रयास किए परन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

जर्मनी की लुइसा अगला मुकाबला अमेरिका की रागान अल्लीसोन्न मच्केंजिए से 4-0 के अंतर से हार गई। भारत की चुनौती 60 किलोग्राम भारवर्ग में भी समाप्त हो गई। साक्षी को प्रतियोगिता में 23 पहलवानों के बीच 14वां स्थान हासिल हुआ।

53 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की शीतल तोमर ने शानदार कुश्ती कला का प्रदर्शन किया उन्होंने पहले मुकाबले में आस्ट्रेलिया की लावेर्स मच्बाइन को 2 मिनट 4 सेकेंड में ही 10-0 का स्कोर कर तकनीकी श्रेष्ठता से हरा दिया। परंतु क्वार्टर फाइनल के अगले मुकाबले में रोमानिया की डोबरा स्टेरा से 4-2 से हार गईं। रोमानिया की पहलवान सेमीफाइनल में बेलारूस की कलाद्जीनस्काया वनेसा से हार गईं और इस तरह शीतल को प्रतियोगिता में 25 पहलवानों के बीच 10वां स्थान हासिल हुआ।

69 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की महिला पहलवान नवजोत कौर ने दमदार कुश्ती का प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले मुकाबले में कोरिया की किम बिन को 9-0 से परास्त किया। लेकिन अगले ही मुकाबले में बेहद संघर्ष के बाद वह मंगोलिया की ओचिर्बट से 10-5 अंको से हार गईं। भारत की चुनौती इस भारवर्ग में भी समाप्त हो गई। शीतल को प्रतियोगिता में 19 पहलवानों के बीच 11वां स्थान मिला ।

विश्व चैम्पियनशिप के पांचवें दिन शुक्रवार को भारत के चार पुरुष पहलवान फ्री स्टाइल कुश्ती में मैट पर उतरेंगे। 57 किलोग्राम भारवर्ग में संदीप तोमर, 61 किलोग्राम भारवर्ग में हरफूल, 86 किलोग्राम भारवर्ग में दीपक और 125 किलोग्राम भारवर्ग में सुमित भारत की दावेदारी पेश करेंगे।

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खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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