हेल्थ
छग : एम्स रायपुर में मरीज को कान लगाया
रायपुर, 24 अगस्त (आईएएनएस/वीएनएस)। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में गुरुवार को एक बिना कान वाले मरीज के रिब ग्रॉफ्ट की मदद से कान लगाया गया।
इसको चिकित्सा विज्ञान में माइक्रोटिया कहते हैं। दंत चिकित्सा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष राव क्रानियो-मैक्सिलोफैशियल (सीएमएफ) सर्जन हैं। उन्होंने 6 वीं 7 वीें और 8 वीं पसली में उपास्थि कार्टिलेज को लेते हुए इसे एक आकार दे कर कान में प्रस्तावित स्थान में डालने के लिए 5 घंटे की लंबी सर्जरी किया।
डॉ. संतोष राव ने कहा कि यह तीन चरणबद्ध सर्जिकल प्रक्रिया है जहां पहले चरण में रिब में उपास्थि कार्टिलेज से एक टेम्पलेट बनाया जाता है। फिर कान टेम्पलेट को उस क्षेत्र में डाला जाएगा जहां कान नहीं है। 4 महीने की अवधि के बाद दूसरी सर्जरी की जाती है। कान की अंतिम आकृति देने के लिए तीसरी क्रिया ठीक कॉस्मेटिक बदलाव के लिए होगी।
इस प्रक्रिया के लिए लागत कहीं अधिक आती है और छत्तीसगढ़ राज्य में इन जन्मजात विकृतियों के सुधार की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। एआईआईआईएस रायपुर ने निदेशक प्रो. डॉ नितिन एम नगरकर के मार्गदर्शन में रोगियों के लाभ के लिए इन जटिल शल्यचिकित्सा की प्रक्रिया शुरू की।
एक समर्पित सीएमएफ सर्जरी क्लिनिक प्रत्येक गुरुवार को दंत चिकित्सा विभाग में 3 से 5 बजे तक चेहरे की जन्मजात विकारों और सभी प्रकार के टीएमजे रोगों को दूर करने के लिए चलाया जाता है। एम्स में दंत चिकित्सा विभाग के अंतर्गत कान, आंख की कृत्रिम अंग प्रदान करने की सुविधा भी है।
दंत चिकित्सा विभाग की क्रानियो-मैक्सिलोफैशियल सर्जरी सेवाएं ऐसे मरीजों की अधिक संख्या का इलाज करने की उम्मीद कर रही हैं । छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों के चेहरे के दोषों के व्यापक रूप से जो प्रभावित होते हैं, और अपने जीवन के लिए एक नई आशा लेकर यहां आते हैं। उनकी यहां पर पूरी मदद की जाती है।
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दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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