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नेशनल

भारत के सबसे बड़े 2G स्पेक्ट्रम घोटाले की सुनवाई 20 सितम्बर तक स्थगित

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नई दिल्ली| दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा, कनिमोझी और अन्य के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सुनवाई 20 सितंबर तक स्थगित कर दी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने इस संदर्भ में दायर दस्तावेज अत्यधिक होने और दस्तावेजों के अध्ययन की प्रक्रिया जारी रहने की वजह से मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

न्यायाधीश ने कहा कि इसमें कुछ समय लग सकता है इसलिए मामले की सुनवाई 20 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

अदालत 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रही थी। इसमें से एक की जांच सीबीआई ने जबकि दूसरे की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने की है। अदालत ने अप्रैल में अपना आदेश आरक्षित रख दिया था।

सीबीआई के मुताबिक, राजा ने 2जी मोबाइल वायु तरंगें और दूरसंचार कंपनियों को लाइसेंस देने में पक्षपात किया, जिससे राजस्व को भारी नुकसान हुआ।

सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र के मुताबिक, डीबी समूह से कलाइगनर टीवी को 200 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए, नियमों को ताक पर रखकर स्वान टेलीकॉम को 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन करने के बदले दिए गए।

ईडी ने धनशोधन मामले में अलग से मामला दर्ज किया, जिसमें राजा, कनिमोझी, डीएमके सुप्रीमो एम. करुणानिधी की पत्नी दयालु अम्माल और अन्य के खिलाफ षडयंत्र रचने का आरोप लगाया गया।

इन मामलों में राजा सहित सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।

क्या है 2G स्पेक्ट्रम घोटाला-

२जी स्पेक्ट्रम घोटाला भारत का एक बहुत बड़ा घोटाला है जो सन् २०११ के आरम्भ में प्रकाश में आया था।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे, जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक के अनुसार सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों का नुकसान हुआ था।

आरोप था कि अगर लाइसेंस नीलामी के आधार पर होते तो खजाने को कम से कम एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों और प्राप्त हो सकते थे।

हालांकि महालेखाकार के नुकसान के आंकड़ो पर कई तरह के आरोप थे लेकिन ये एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया था और मामले पर देश के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल किया गया था।

आरोप-

देश के घोटालों के लंबे इतिहास में सबसे बड़ा बताए जाने वाले इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर भी सवाल उठाए गए हैं।

इस मामले में ए राजा के अलावा मुख्य जांच एजेंसी सीबीआई ने सीधे-सीधे कई बड़ी और हस्तियों और कंपनियों पर मुख्य आरोप लगाए हैं।

पूर्व दूर संचार मंत्री पर आरोप था कि उन्होंने साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेच दिया जिसमें उनकी पसंदीदा कंपनियों को तरजीह दी गई. करीब 15 महीनों तक जेल में रहने के बाद ए राजा को हाल ही में जमानत दी गई।

तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणाधि की बेटी कनिमोड़ी को भी मामले में जेल काटनी पड़ी थी और उन्हें बाद में जमानत मिली।

इसके अलावा निजी दूरसंचार कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाने से लाखों उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

नए सिरे से और बड़े दाम पर लाइसेंस आवंटित किए जाने की योजना से कॉल दरों के भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

टूजी घोटाले से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा है।

 

 

आरोप-

देश के घोटालों के लंबे इतिहास में सबसे बड़ा बताए जाने वाले इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर भी सवाल उठाए गए हैं।

इस मामले में ए राजा के अलावा मुख्य जांच एजेंसी सीबीआई ने सीधे-सीधे कई बड़ी और हस्तियों और कंपनियों पर मुख्य आरोप लगाए हैं।

पूर्व दूर संचार मंत्री पर आरोप था कि उन्होंने साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेच दिया जिसमें उनकी पसंदीदा कंपनियों को तरजीह दी गई. करीब 15 महीनों तक जेल में रहने के बाद ए राजा को हाल ही में जमानत दी गई।

तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणाधि की बेटी कनिमोड़ी को भी मामले में जेल काटनी पड़ी थी और उन्हें बाद में जमानत मिली।

इसके अलावा निजी दूरसंचार कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाने से लाखों उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

नए सिरे से और बड़े दाम पर लाइसेंस आवंटित किए जाने की योजना से कॉल दरों के भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

टूजी घोटाले से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा है।

 

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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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