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प्रादेशिक

ओवैसी की पुणे रैली पर प्रतिबंध

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पुणे | महाराष्ट्र पुलिस ने आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की बुधवार शाम को प्रस्तावित जनसभा पर पुलिस ने कड़ी शर्ते लगा दी। जनसभा मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर आयोजित होनी थी। हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी अपनी जनसभा के पहले एक प्रेसवार्ता को संबोधित करने जा रहे थे, तभी उन्हें एक नोटिस दिया गया। नोटिस पर सहायक पुलिस आयुक्त (वनवाडी परिक्षेत्र) राजन आर. भोगले का हस्ताक्षर था।

अन्य चीजों के साथ-साथ उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे महाराष्ट्र और मूलनिवासी मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित मुस्लिम आरक्षण परिषद की बैठक में एक बंद सभागार में लोगों को संबोधित करें जिसमें 2,000 से अधिक लोग मौजूद नहीं रहेंगे। ओवैसी पर लगभग प्रतिबंध लगाते हुए पुलिस ने उनसे किसी प्रकार के भड़काऊ बयान से बचने के लिए कहा जिससे कि धार्मिक, भाषाई और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा न हो। इस कार्यक्रम में वह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। मीडिया को भी इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने से रोक दिया गया है। यह कार्यक्रम कोंधवा इलाके के कौसरबाग सभागार में आयोजित होगा। पुलिस आयुक्त सतीश माथुर ने यह साफ कर दिया कि यदि हालात नियंत्रण के बाहर होते हैं तो इस तरह की स्थिति के लिए आयोजक स्वयं जिम्मेदार होंगे। मीडिया के साथ अपनी संक्षिप्त बातचीत में ओवैसी ने कहा कि वह प्रतिबंध के नोटिसों के अभ्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि यह एक अस्वस्थ लोकतांत्रिक आचरण है। उन्होंने हालांकि कहा कि अगर पुलिस रैली को आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी, तो वह बिना किसी उपद्रव के हैदराबाद लौट जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने अथवा किसी की धार्मिक भावनाओं को ढेस पहुंचाने की मंशा नहीं है। हाल ही में पुणे कैंट समिति और स्थानीय शिव सेना प्रमुख विनायक निम्हान के विरोध के बाद पुलिस ने खुले मैदान में रैली आयोजित करने की अनुमति खारिज कर दी थी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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