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बिजनेस

प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए उठाएं कदम : केंद्र सरकार

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नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)| जरूरी वस्तुओं की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकरा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्याज की जमाखोरी, मुनाफाखोरी और सट्टेबाजी में लिप्त डीलरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। यहां मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को अधिसूचित अपने आदेश में कहा है कि डीलरों के पास प्याज की सीमा निर्धारित करने से लेकर अन्य कदम उठाएं।

पिछले कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में एकाएक तेजी देखने को मिल रही है, जबकि साल 2016 की समान अवधि की तुलना में इस साल प्याज की आपूर्ति और उत्पादन बेहतर है।

इन्हें देखते हुए सरकार का कहना है कि प्याज की कीमतों में अनावश्यक वृद्धि के लिए जमाखोरी और सट्टेबाजी ही जिम्मेदार है।

बयान में कहा गया, इसलिए, राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को उन व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है, जो प्याज में सट्टा कारोबार, जमाखोरी और मुनाफाखोरी में लगे हुए हैं।

बयान में कहा गया है कि इन उपायों से कीमतों को उचित स्तर तक लाने और उपभोक्ताओं को तत्काल राहत देने की उम्मीद है।

अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य के अनुसार, प्याज की कीमतें 15 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 28.94 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं।

महानगरों की बात करें तो चेन्नई में प्याज 31 रुपये प्रति किलोग्राम, दिल्ली में 38 रुपये, कोलकाता में 40 रुपये और मुंबई में 33 रुपये प्रति किलोग्राम तक की कीमत पर बिक रही है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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