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बिजनेस

इंडस ओएस ने ओला से की साझेदारी

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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| स्मार्टफोन की स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम इंडस ओएस ने अपने यूजर्स को परिवहन का सहज एवं सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने के लिए लोकप्रिय मोबाइल एप ओला के साथ साझेदारी की है।

एक बयान में गुरुवार को बताया गया कि ओला और इंडस ओएस दोनों इनोवेटर्स होने के नाते भारत की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं।

बयान में कहा गया कि यह साझेदारी नागरिकों के लिए बैटरी और डेटा की खपत कम करके उन्हें सहज एवं आसान परिवहन सुविधाएं मुहैया कराएगी। ओला की सेवाओं को ओएस स्तर पर इंटेग्रेट किया गया है, इससे नए एवं मौजूदा दोनों तरह के उपयोगकर्ता इसकी सेवाओं से लाभान्वित हो सकेंगें।

इस साझेदारी के साथ ओला, इंडस ओएस के सभी उपयोगकर्ताओं के लिए पहली परिवहन सेवा प्रदाता बन गई है। इंटेग्रेशन के चलते ओला, इंडस ओएस के सभी उपयोगकर्ताओं के लिए अंग्रेजी एवं 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा (भारत की 95 फीसदी आबादी को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा), जिससे लाखों भारतीयों के लिए परिवहन सुविधाएं पहले से कहीं अधिक आसान और सुलभ हो जाएंगी।

ओला के उपाध्यक्ष (इंजीनियरिंग) नितिन गुप्ता ने कहा, परिवहन सेवाएं हर किसी के लिए महत्वपूर्ण हैं, फिर चाहे वे देश के किसी भी कोने में रहते हों या किसी भी भाषा का इस्तेमाल करते हों। इंडस ओएस के साथ साझेदारी इसी दिशा में एक और प्रयास है जो सुनिश्चित करेगा कि देश के हर व्यक्ति को आसान परिवहन सुविधाएं मिलें।

इंडस ओएस के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश देशमुख ने कहा, ओला और इंडस ओएस का इंटेग्रेशन कम से कम डेटा एवं बैटरी की खपत के साथ ओला की सेवाओं को उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगा और सबसे खास बात तो यह है कि उपभोक्ता अपनी मनपसंद भाषा में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। लाखों भारतीयों को सुविधाजनक परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराना ओला का मिशन है, वहीं आम जनता को स्मार्टफोन के माध्यम से डिजिटल दुनिया के साथ जोड़ना हमारी कम्पनी का उद्देश्य है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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