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आध्यात्म

भोपाल में युवाओं ने सिर पर बना लिए बप्पा!

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भोपाल, 1 सितंबर (आईएएनएस)| देश के युवाओं में औरों से अलग दिखने की होड़ किसी से छुपी नहीं है। मौका कोई भी हो, वे उसे अपने ही तरीके से भुना लेते हैं। अब देखिए न, गणेशोत्सव के मौके पर जहां जगह-जगह गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कई ऐसे युवा हैं, जिन्होंने अपने सिर के बालों में ही गणेश की आकृति बनवा ली है।

देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्यप्रदेश भी गणेशोत्सव के रंग में रंगा हुआ है, जगह-जगह भव्य और आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, वहीं राजधानी में कुछ युवा ऐसे हैं, जिनके सिर पर गणपति की आकृति उभरी नजर आती है।

सिर पर हेयर टैटू बनवाने वाले राहुल का कहना है, गणेशोत्सव चल रहा है, इसलिए मैंने यह टैटू बनवाया है। लोग घरों में, सड़कों पर गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं, तो मैंने भी अपने सिर पर बप्पा की आकृति उभरवाई है। एक तरफ बप्पा गणेशोत्सव के दौरान अपने साथ रहेंगे, वहीं हम दूसरों के आकर्षण का केंद्र भी रहेंगे।

आइडियल पार्लर के संचालक नरेश सेन ने बताया है कि युवाओं में अलग दिखने की जो होड़ है, उसी के चलते कुछ युवा उनके पास आए और नया करने को कहा। उनकी फरमाइश पर सिर के बालों पर गणेश आकृति का स्केच बनाने के बाद कटिंग कुछ इस तरह से की, ताकि रंग भरने में दिक्कत न आए। पहले बाल काटे और उसके बाद रंगों को भर दिया गया। पीछे से सिर को देखें तो आपको गणेश की आकृति साफ नजर आएगी।

सेन का कहना है कि यह सिर्फ गणेश उत्सव के समय युवा इस तरह के हेयर टैटू बनवा रहे हैं, ऐसा नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के मौके पर बालों में तिरंगे के तीनों रंग कराने भी युवा आते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि युवाओं में उत्सव से ज्यादा अपने को उस रंग में रंगने का जोश होता है।

हेयर टैटू बनवाने वाले विजय को इस बात की प्रसन्नता है कि वह जहां से भी निकलता है, हर किसी की नजर उस पर पड़ती है। विजय का कहना है कि लोग कटिंग तरह-तरह की इसलिए कराते हैं, ताकि वे अन्य लोगों से अलग दिखें और आकर्षक लगें। लिहाजा, इसी बात को ध्यान में रखकर उन्होंने हेयर टैटू बनवाया है।

युवा वर्ग में अपने को दूसरे से अलग दिखने की चाहत है, इसके लिए वे तरह-तरह के जतन करते हैं। कोई कपड़ों से, तो कोई अपने अंदाज और कोई हेयर स्टाइल से अपनी पहचान बनाने को बेताव रहता है। उसी का नजारा राजधानी भोपाल में गणेशोत्सव पर देखने को मिल रहा है।

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आध्यात्म

पारंपरिक गीतों के बिना अधूरा है सूर्य उपासना का महापर्व छठ

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पटना| सूर्योपासना और लोकआस्था के महापर्व छठ की कल्पना कर्णप्रिय और सुमधुर गीत के बिना नहीं की जा सकती। इन पारंपरिक गीतों के जरिए न केवल भगवान की अराधना की जाती है, बल्कि इन गीतों के जरिए कई संदेश भी देने की कोशिश की जाती है।

चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार को लेकर ऐसे तो कई गायक और गायिकाओं ने गीत गाए और लिखे हैं, परंतु चर्चित गायिका शारदा सिन्हा और अनुराधा पौडवाल के गीत आज भी घरों से लेकर छठ घाठों तक लोगों द्वारा सुने और गाए जाते हैं।

भगवान भास्कर की अराधना के छठ पर्व पर ‘पद्मश्री’ और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रसिद्घ शारदा सिन्हा द्वारा गाया गीत ‘हो दीनानाथ’ आज भी काफी चर्चित गीत है। इस गीत के जरिए इस व्यस्त शहरी जिंदगी से समय निकालकर लोगों को भी छठ को अपनाने की बात कही गई है।

इसके अलावा गायिका अनुराधा पौडवाल की आवाज में ‘मारबै रे सुगवा’ भी काफी चर्चित गीत है। इस गीत के जरिए सुग्गा (तोते) को चेतावनी दी गई है कि वह भगवान के प्रसाद चढ़ाने के पहले फल को चोंच न मारे, वरना उसे मारा जा सकता है। इस गीत में भगवान को सर्वश्रेष्ठ मानकर उनकी अराधना की गई है।

इसी तर्ज पर शरादा सिन्हा द्वारा गाया गीत, ‘केलवा जे फरेला घवद से ओह पर सुगा मेंडराय’ भी काफी चर्चित रहा है। इस गीत के जरिए भी तोते को हिदायत दी जाती है कि अगर पवित्रता भंग की तो इसका बुरा फल मिलेगा।

वैसे, छठ के गीतों में संदेश भी छिपा हुआ है। छठ पर्व के गीतों में बेटियों को विशेष महत्व दिया गया है। छठ पूजा के गीतों में बेटियों का स्वागत करते हुए ईश्वर से उनके मंगल की गुहार लगाई गई है। ‘रूनकी धुनकी बेटी मांगी ला, पढ़ल पंडितवा दामाद हे छठी मईया’ के जरिए छठी मईया से सुंदर, सुशील बेटी और विद्वान दामाद की कामना की जाती है।

इसी तरह ‘पांच पुतुर अन्न, धन, लक्ष्मी धियवा मांगबो जरूर’ में छठी मईया से यह प्रार्थना की गई है कि पांच पुत्र, अन्न, धन, लक्ष्मी और वैभव के साथ एक धियवा (बेटी) जरूर दें।

इसी तरह कर्णप्रिय गीत ‘हे छठी मईया’ न केवल व्रतियों (परबैतिनों) में ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि ये भी बताता है कि इस पर्व में जात पात का फर्क मिट जाता है। इस गीत में यह भी बताया गया है कि कैसे छोटी मोटी गलतियों को छठी मईया नजरअंदाज कर देती हैं।

लोक गायिका देवी के गाए छठ गीतों के अलबम ‘कोसी के दीवाना’, बहंगी छूट जाई’ की काफी मांग है। गायक पवन सिंह, कल्लू, आकांक्षा राय के गाने भी लोग पसंद कर रहे हैं।

 

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