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नीतिश कटारा हत्‍याकांडः आवाज निकली है तो दूर तलक जाएगी

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नई दिल्‍ली। हाईप्रोफाइल व बहुचर्चित नीतिश कटारा हत्‍याकांड में दिल्‍ली हाईकोर्ट द्वारा आरोपियों को कड़ी सजा दिए जाने का फैसला कई मायने में सुखद संदेश लेकर आया है। बाहुबली से राजनेता बने डीपी यादव के पुत्र व भतीजे विकास और विशाल यादव को 30 साल कैद की सजा के आदेश से अदालत पर आम जनता का विश्‍वास निश्चित रूप से बढ़ेगा। भारतीय अदालतों पर वैसे भी देश की जनता पूर्णरूप से विश्‍वास करती है लेकिन हाईप्रोफाइल व ‘सो कॉल्‍ड‘ बड़े लोगों के केसों में आम धारणा यही है कि इंसाफ नहीं होता। हालांकि पिछले दिनों माननीय अदालतों द्वारा दिए गए कई फैसलों ने आम जन के बीच भारतीय न्‍यायालीय व्‍यवस्‍था के प्रति विश्‍वास को और मजबूत किया है।

उप्र के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी, पूर्व केंद्रीय मंत्री लालूप्रसाद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद सहित कई मामलों में इन राजनेताओं व अन्‍य को हुई सजा ने आम जन के बीच यह धारणा पुष्‍ट की है कि भारत की अदालतें निष्‍पक्ष व दबावरहित फैसले करती हैं। नीतिश कटारा हत्‍याकांड पर देर से ही सही लेकिन एक उचित फैसले की नितांत आवश्‍यकता थी क्‍योंकि जिस समय इस हत्‍याकांड को अंजाम दिया गया था उस समय आरोपियों के पिता डीपी यादव एक ऐसी हस्‍ती थे जिनके खिलाफ सजा सुनाना तो दूर एफआईआर लिखवाने की भी हिम्‍मत कोई नहीं कर सकता था।06_02_2015-nitishhk

बधाई की पात्र हैं नीतिश कटारा की मां नीलम कटारा, जिन्‍होंने तमाम तरह के दबाव झेलने के बावजूद हार नहीं मानीं और अपनी लड़ाई को अदालत दर अदालत आगे बढ़ाती गईं। उनकी हिम्‍मतभरी कोशिशें रंग लाईं। आज के इस फैसले ने उन तमाम लोगों को उम्‍मीद की एक किरण जरूर दिखाई होगी जो इन बाहुबलियों व पावरफुल लोगों के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्‍मत नहीं कर पाते।

भारत की न्‍याय व्‍यवस्‍था को और मजबूत किए जाने की आवश्‍यकता है क्‍योंकि आम भारतीय जनमानस तमाम मामलों के अदालतों से इंसाफ की आशा संजोए बैठा है। खराब हो चुके पूरे सिस्‍टम सही करने के लिए भारतीय अदालते एक टूल के रूप में काम कर रही हैं। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ भी पिछले दिनों देश की शीर्षस्‍थ अदालत ने एतेहासिक फैसला देकर सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि यदि हम सही काम नहीं करेंगे तो हमारे ऊपर अदालतें मौजूद हैं जो हमारे खिलाफ भी फैसला दे सकती हैं। अंत में भारतीय न्‍याय व्‍यवस्‍था को सादर नमन करते हुए यह उम्‍मीद रखता हूं कि ऐसे फैसले अभी और आएंगे।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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