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‘मोदी का जन्मदिन नर्मदा घाटी के लिए ‘मौत-ए-जश्न’ होगा’

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भोपाल, 11 सितंबर (आईएएनएस)| नर्मदा बचाओ आंदोलन (नबआं) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को गुजरात में आयोजित समारोह में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य नेताओं से हिस्सा न लेने की अपील करते हुए कहा है कि इस दिन सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ाते हुए इसका लोकार्पण होना है, जो 40 हजार परिवारों के लिए मौत-ए-जश्न साबित होने वाला है। आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर सहित अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाकर नर्मदा घाटी को विनाश की ओर ले जाया जा रहा है, नर्मदा घाटी में रहने वालों का विस्थापन बिना बेहतर पुनर्वास के किया जा रहा है। इस बांध की ऊंचाई सिर्फ गुजरात को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है और इससे मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और एक नगर के 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं।

नबआं की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सारे हालत से परिचित हैं, इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के जश्न में शामिल होंगे, तो इससे स्पष्ट हो जाएगा कि उन्हें नर्मदा की भक्ति या नर्मदा की सेवा का मोल नहीं, बल्कि उन्हें भी मोदी की रीति व राजनीति के लिए नर्मदा को बंधक बनाना मंजूर है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसी दिन सरदार सरोवर बांध का लोकार्पण किया जाने वाला है।

नबआं का कहना है कि आज न गुजरात को पानी की जरूरत है, न मध्यप्रदेश को बिजली की। फिर भी गुजरात की नर्मदा यात्रा मात्र चुनाव प्रचार यात्रा साबित होगी। मोदी की मंशा गुजरात की जनता और कार्पोरेट जगत को नर्मदा से लाभों के सपने दिखाकर उनके वोट बटोरने की है।

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि नर्मदा घाटी के लोग ही नहीं, देश के सभी अध्ययनशील, विचारशील नागरिक, कानून के जानकार आदि सब जानते हैं कि किसी भी परियोजना का अभिन्न हिस्सा होता है विस्थापन, पुर्नवास एवं पर्यावरण संबंधी कार्य। सिंचाई का लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के खेत-खेत में नहर का जाल पहुंचाना भी जरूरी शर्त होती है। गुजरात के सूखाग्रस्तों के स्थायी समाधान के लिए पानी पहुंचाएं तो कोई आपत्ति नहीं, लेकिन कोकाकोला जैसी कंपनियों को पानी के साथ चांदी भी काटने देने वालों को सहन नहीं किया जाएगा।

आंदोलन से जुड़े लोगों ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से आग्रह किया है कि वे पहले आंदोलन में लगे संगठन से बात करें, सच्चाई सुनें, फिर बांध स्थल पर जाएं।

संगठन ने विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों से भी प्रधानमंत्री के जलसे में शामिल न होने की अपील की है और कहा है कि पुनर्वास पूरा होने पर ही बांध में 121 मीटर के ऊपर पानी भरा जाए, अन्यथा जलहत्या होगी।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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