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मुंबई : रेयान ट्रस्टियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई गुरुवार को

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मुंबई, 13 सितंबर (आईएएनएस)| बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टियों द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को गुरुवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।

रेयान स्कूल के ट्रस्टियों ने गुरुग्राम शाखा के कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी।

अदालत ने यह स्थगन कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न के पिता की हस्तक्षेप अर्जी के बाद दिया। प्रद्युम्न की हरियाणा के गुरुग्राम में भोंडसी स्थित रेयान स्कूल में 8 सितंबर को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। प्रद्युम्न के पिता ने अपनी अर्जी में स्कूल के ट्रस्टियों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की है।

मृतक बच्चे के पिता वरुण ठाकुर ने अपने वकीलों सुशील के. टेकरीवाल और ममता टेकरीवाल के माध्यम से स्कूल के तीन ट्रस्टियों- अगस्तीन एफ. पिंटो, ग्रेस पिंटो और रेयान पिंटो की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई में हस्तक्षेप किया।

रेयान इंटरनेशनल स्कूल की शाखाओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार सेंट जेवियर्स एजुकेशनल ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर सोमवार को जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।

दोपहरबाद सुनवाई में पिंटो के वकील नीतिन प्रधान ने तर्क दिया कि उन्हें ठाकुर के वकीलों ने नोटिस नहीं दिया था, जो आज मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे है।

ठाकुर के वकील ने तर्क दिया कि उन्होंने नोटिस दिया था, लेकिन पिंटो के वकील ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

एक अन्य हस्तक्षेपकर्ता पैरेंट्स ग्रूप फॉर स्टूडेट्स वेलफेयर (पीजीएसडब्ल्यू) के वकील मनोज धल ने कहा कि संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी ने जमानत की याचिका को गुरुवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया।

पीड़ित के पिता व पीजीएसडब्ल्यू के अलावा एक अन्य हस्तक्षेपकर्ता वकील गुरतन सदाव्रते अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने करीब दो साल पहले सक्रियता से रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले को उठाया था।

पिंटो परिवार ने सोमवार अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। न्यायालय ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी थी।

उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम के भोंडसी में स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में आठ सितंबर को सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न का शव मिला था। उसका गला रेता गया था और उसके शव के पास चाकू पाया गया था।

हरियाणा पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को कंदिवली मुख्यालय पर रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक व कई कर्मचारियों से पूछताछ की और दस्तावेजों व रिकॉर्डो की जांच की।

मामले के बाद देशभर के निजी स्कूलों बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा गरमा गया है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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