मुख्य समाचार
विज्ञान फिल्मकार बीवर अवार्ड से सम्मानित
5वां राष्ट्रीय विज्ञान फिल्मोत्सव पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन्न
लखनऊ। 5वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्मोत्सव के अंतिम दिन अहोना दत्त गुप्ता व रिशु निगम द्वारा निर्देशित फिल्म रीडेन्पशन: ए रेड्ड स्टोरी फ्राम इंडिया, के.वी.एस. कर्था की पूनथेनुन्नन वायो (कम, इन्जाय द नेक्टर), सर्वनकुमार सलेम की विद एलिफैंट्स, विनय कुमार साहू की ए जर्नी थ्रू स्पेस एंड टाइम व कीरत सिंह मोश्वा द्वारा निर्देशित फिल्म साइंस बिहाइंड मिरेकल्स को क्रमशः ए,बी,सी,डी और ई श्रेणी में गोल्डन बीवर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत कार्यरत विज्ञान प्रसार और संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् के तत्वावधान में आंचलिक विज्ञान नगरी में आयोजित फिल्मोत्सव के समापन समारोह में सुविख्यात फिल्म निर्माता निर्देशक व विज्ञान फिल्मोत्सव प्रतियोगिता के राष्ट्रीय निर्णायकमंडल के चेयरमैन डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, भारतेंदु नाट्य अकादमी के पूर्व निदेशक व राष्ट्रीय विज्ञान फिल्मोत्सव के स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, फिल्म संवाद-पटकथा व कलाकार अतुल तिवारी व विज्ञान प्रसार के निदेशक डा. आर. गोपीचंद्रन ने मुख्य रूप से उपस्थित होकर सफल फिल्मकारों को सम्मानित किया।
फिल्मोत्सव में राजेंद्र कोंडपल्ली द्वारा निर्देशित फिल्म व्हाट हैप्पेन्स वेन वी स्लीप, डा. जीतेंद्र सिंह की इंसेक्ट्स दैट ग्लो, पी.सी. अंटो की फ्लोविंग फारएवर, संदीप पांडुरंग मनी की रैपन व वर्षा शंकर व श्रेया मोहन द्वारा निर्देशित फिल्म हाउ डू आई शी साइंस को सिल्वर बीवर पुरस्कार व बी. श्रीकंटचर द्वारा निर्देशित फिल्म मदर वास्प, एम.एन. चिक्कामुनियप्पा की मेरे आंगन के पक्षी, जी.एस. उन्नी कृष्णन नैयर द्वारा निर्देशित फिल्म ब्रीड्स आफ वेल्थ को क्रमशः ए,बी और सी श्रेणी में को ब्रोंज बीवर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डी श्रेणी में यह पुरस्कार फैजिलुल फरीसा की फिल्म हयूमन आइलैंड व विवेक सिंह की लव स्टोरी आफ टू इलेक्ट्रान्स को संयुक्त रूप से मिला। ई श्रेणी में ब्रोंज बीवर सम्मान अपूर्वा श्री व श्रुति कुमारी निर्देशित फिल्म माई किचेन साइंस को मिला।
उल्लेखनीय है कि ए श्रेणी, सामान्य दर्शकों के लिए वैज्ञानिक अभिरूचि उत्पन्न करने वाली लोकप्रिय विज्ञान फिल्म की थी, जिनकी अवधि 60 मिनट से अधिक न रही हो। इसी प्रकार से बी श्रेणी में 6 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए वैज्ञानिक अभिरूचि उत्पन्न करने वाली लोकप्रिय विज्ञान फिल्म शामिल किया गया, जिनकी अवधि 60 मिनट से कम रही। सी श्रेणी सामान्य दर्शकों के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोचार पर विज्ञान फिल्म के लिए थी, जिनकी अवधि 60 मिनट से अधिक न रही हो।
इन तीनों ही श्रेणी में गोल्डन बीवर पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपए, सिल्वर बीवर पुरस्कार में 50 हजार तथा ब्रोंज बीवर पुरस्कार में 30 हजार रुपए व ट्राफी एवं प्रमाण पत्र दिया गया। डी श्रेणी में सामान्य दर्शकों के लिए विज्ञान पर फिल्म डिग्री/डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थियों की फिल्मों को शामिल किया गया। जबकि ई श्रेणी में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित फिल्म विद्यार्थी समुदाय के लिए रही।
इस श्रेणी में उनको मैं विज्ञान को किस रूप में देखता हूं, विषय पर फिल्म बनाना था। दोनों ही श्रेणियों के लिए तय किया गया कि इसमें शामिल फिल्में 30 मिनट से अधिक की नहीं होंगी। ई तथा डी श्रेणी में गोल्डन बीवर पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपए, सिल्वर बीवर पुरस्कार में 30 हजार तथा ब्रोंज बीवर पुरस्कार में 20 हजार रुपए व ट्राफी एवं प्रमाण पत्र दिया गया।
फिल्मोत्सव के तहत तकनीकी उत्कृष्ठता हेतु ट्राफी एवं प्रमाण पत्र के साथ 20 हजार रुपए का पुरस्कार चार विधाओं में दिया गया। सिनेमोटोग्राफी के लिए शैलेंद्र हूडे निर्देशित फिल्म स्नेकस, संपादन के लिए एंटोनी फीलिक्स की लार्ज मेश पर्स सिनिंग, ग्राफिक्स, एनीमेशन व विशेष प्रभाव के लिए सुमित आॅसमंड शाॅ निर्देशित फिल्म गप्पी व ध्वनि रिकार्डिंग और संरचना के लिए श्रीनिवास ओली निर्देशित फिल्म घरात-रिवाइवल आफ वाटरमिल्स को प्रदान किया गया। ट्राफी एवं प्रमाण पत्र के साथ 40 हजार रुपए का विशेष जूरी पुरस्कार नल्ला निर्देशित फिल्म टाइगर्स रिवेंज को मिला।
इसके साथ ही सोसाइटी आफ अर्थ साइंसिस्ट यानी एसईएस के विशेष पुरस्कार से मौतियर रहमान निर्देशित फिल्म मौनूमेंटल सांइस, कुलवंत भाबरा की पाइथोरेमेन्डिएशन आफ मैन्गनिज माइन स्पाइल डम्पस् थ्रू इंटिग्रेटेड बायो- टेक्नोलाजिकल एप्रोच व अब्बास हसनैन द्वारा निर्देशित फिल्म वैनिशिंग वल्चर को सम्मानित किया गया।
फिल्मोत्सव की जूरी में चंद्रप्रकाश द्विवेदी की अध्यक्षता में डा. अनिल रस्तोगी, सी.एम. नौटियाल, शरद दत्ता, संतोष के. पांडेय, रतनमणि लाल, कमर रहमान, ललिथा वैद्यानाथन व जयंत कृष्णा बतौर सदस्य शामिल रहे। इन्होंने भी चयनित फिल्मकारों को सम्मानित किया।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि विज्ञान मुझमें आत्मविश्वास पैदा करता है। विज्ञान से जीवन को देखने का नजारिया बदल जाता है। उन्होंने कहा कि विकास के साथ हमारे हाव-भाव में परिवर्तन आता जा रहा है, इस ओर भी विचार करने की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि फिल्में मनोरंजन के साथ ही मनुष्य की चेतना का भी माध्यम होती है। विज्ञान की फिल्मों को गांव-गांव दिखाया जाना चाहिए। टीसीएस के क्षेत्रीय प्रमुख व जूरी सदस्य जयंत कृष्णा ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि मानव विकास के लिए विज्ञान का सर्वोत्तम प्रयोग किया जाना चाहिए।
इससे पूर्व स्वागत भाषण देते हुए फिल्मोत्सव के मुख्य संयोजक निमिष कपूर ने कहा कि यह फिल्मोत्सव कई मायनों में अनूठा रहा। आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समन्वयक उमेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से यह फिल्मोत्सव इतना सफल हो पाया है। समारोह में ऐमिटी यूनिवर्सिटी और बाबा साहेब भीमराव यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा फिल्मोत्सव में निर्मित की गई फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
इस फिल्मोत्सव में यूनीसेफ, दूरदर्शन, आकाशवाणी, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनीवर्सिटी, सीईई यानी सेंटर फार इंवायरमेंट एजुकेशन, एमिटी यूनीवर्सिटी सहित कई अन्य संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी रही। समारोह के अंतिम दिन यूनिसेफ द्वारा निर्मित फिल्म हीरो नंबर-1 का प्रदर्शन भी किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह से पूर्व रास्टाक यूनीवर्सिटी की प्रो. कमर रहमान ने महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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