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मप्र के दो मंत्रियों के रिश्तेदारों में लेन-देन का विवाद थाने पहुंचा
रायसेन, 20 सितम्बर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश सरकार के प्रभावशाली और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी दो मंत्रियों के परिजनों और रिश्तेदारों के बीच लेन-देन का विवाद इतना बढ़ गया कि मामला पुलिस तक पहुंच गया है। दोनों पक्षों की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रायसेन जिले के उदयपुरा थाना क्षेत्र में खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल के भाई विनोद शुक्ल की वीकेएस कंपनी का सिलवानी टोल बैरियर के पास निर्माण कार्य चल रहा है। यह टोल नाका मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के अधीन आता है। वहीं सिलवानी-उदयपुरा मार्ग पर लोकनिर्माण मंत्री रामपाल सिंह के रिश्तेदार वीरेंद्र सिंह का डामर प्लांट है।
रायसेन के पुलिस अधीक्षक जगत सिंह राजपूत ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि विनोद शुक्ल और वीरेंद्र सिंह के बीच लेन-देन का विवाद है। इस मामले की पुलिस में शिकायत की गई है। हालांकि दोनों के बीच के विवाद का खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस विवाद की जांच कर रही है जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल किसी भी पक्ष के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।
इस प्रकरण को लेकर दोनों मंत्रियों से आईएएनएस ने संपर्क किया, मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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दिल्ली में सांस लेना है कितना खतरनाक, देखें इस खबर को
नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया. जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आज दिल्ली के अलीपुर में AQI 362, आनंद विहार में 393, जहांगीरपुरी में 384, मुंडका में 396, नरेला में 383, नेहरू नगर में 362, पंजाबी बाग में 370, शादीपुर में 398, रोहिणी में 381 और विवेक विहार में 395 दर्ज किया गया. वायु प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन की परेशानी हो रही है.
जीवन के 12 साल छीन रहा वायु प्रदूषण
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली का प्रदूषण लोगों के जीवन के 12 साल उनसे छीन रहा है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक दिन सांस लेने का मतलब है दिन भर में 10 से अधिक सिगरेट के बारबर धुएं को अपने शरीर में लेना। बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।
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