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खेल-कूद

बचपन से छक्के मारने के शौक ने कंगारुओं के छुड़ाए पसीने : हार्दिक पंड्या

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इंदौर। भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या एक बार फिर लम्बे-लम्बे छक्के लगाकर कंगारुओं के होश ठिकाने लगा रहे हैं। दरअसल हार्दिक पंड्या को छक्के मारने का शौक बचपन से रहा है। उन्होंने इस बात का खुलासा इंदौर वन डे के बाद किया है। हार्दिक पंड्या ने कंगारुओं के खिलाफ तीसरे वन-डे में 72 गेंदों पर चार छक्कों की मदद से शानदार 78 रन की पारी खेली। उनकी इस पारी के बदौलत टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से पराजित कर पांच मैचों की वन डे श्रृंखला 3-0 की अजेय बढ़त बना ली है।

हार्दिक पंड्या ने इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चार अवसरों पर छक्कों की हैट्रिक लगा चुके हैं। पंड्या ने इस साल चैंपियन्स ट्रॉफी के दो मैचों में लगातार तीन छक्के जड़े थे। उन्होंने पाक के खिलाफ इमाद वसीम और शादाब खान की लगातार तीन गेंदों पर छक्का मारा था जबकि श्रीलंका के खिलाफ कैंडी टेस्ट मैच में मालिंदा पुष्पकुमार की लगातार तीन गेंदों पर छक्के लगाये थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान सीरीज के चेन्नई में खेले गये मैच में उन्होंने लेग स्पिनर एडम जंपा के खिलाफ भी यह कारनामा किया था। हार्दिक पंड्या ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की 28 पारियों में 40 छक्के मार चुके हैं।
इंदौर वन डे जीतने के बाद हार्दिक पंड्या ने कहा कि छक्के तो वह पहले भी जड़ते रहे हैं, लेकिन अब अंतर केवल इतना है कि मैं बड़े स्तर की क्रिकेट में छक्के लगा रहा हूं। हार्दिक पंड्या के अनुसार उन्हें बचपन से ही छक्के मारने का शौक रहा है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन अच्छा था। हालांकि इससेे पहले के सत्र में वह अच्छा नहीं खेल पाए थे लेकिन इसके बाद कड़ी मेहनत की जिसके दम पर वापसी करने में सफल रहे। मैं हमेशा खुद को प्रेरित करता हूं।

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यह बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्रिकेट में आत्मविश्वास हमेशा मायने रखता है और मुझे खुद पर विश्वास है कि मैं गेंद को मैदान के बाहर मार सकता हूं। उन्होंने बताया कि पाक के खिलाफ ओवल में खेली गयी 76 रन की पारी से उनके करियर में बड़ा बदलाव लेकर सामने आई।


हार्दिक पंड्या से जब पूछा गया तो क्या फिर लंबे शॉट खेलना उनका नैर्सिगक गुण है, उन्होंने कहा कि यह केवल हिटिंग से नहीं जुड़ा है। खेल को समझना अहम होता है। उस समय मुझे लगा कि जंपा गेंदबाजी कर रहा है और मैं जानता था कि मैं उस पर किसी भी समय छक्का जड़ा सकता हूं। इसलिए मैंने सातवें ओवर तक इंतजार किया और उस एक ओवर ने उस मैच के समीकरण बदल दिये थे। बता दें कि हार्दिक पंड्या को बल्लेबाजी क्रम में चौथे नम्बर पर रविवार को भेजा गया था और वह उम्मीदों पर खरे उतरे। कुल मिलाकर भारतीय टीम के लिए अब हार्दिक पंड्या सबसे अहम खिलाड़ी साबित हो रहे हैं क्योंकि वह गेंदबाजी के साथ-साथ अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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