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मप्र में बुजुर्गो की मदद के लिए हेल्पलाइन : शिवराज

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भोपाल, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बुजुर्गो की मदद के लिए हेल्पलाइन बनाए जाने का ऐलान किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बुजुर्गो को मजबूर नहीं रहने देगी, उनकी सुरक्षा और सेवा के सभी जरूरी कार्य किए जाएंगे, नई योजना भी बनाई जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर प्रशासन अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने ‘सिंगल क्लिक से पेंशन वितरण योजना’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों, कस्बों और बड़े गांवों में अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी संकलित कर सूचीबद्ध किया जाएगा, ताकि उनकी सेवा और सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हो सकें।

उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यक्रमों में कन्या पूजन के साथ ही क्षेत्र के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का सम्मान भी किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास पर वृद्धजन पंचायत भी होगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने सिंगल क्लिक पेंशन वितरण योजना की सराहना करते हुए कहा कि इसे और बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएं। तकनीक का इस्तेमाल मानवीय संवेदनाओं के साथ हो। बुजुर्गो के खातों में तत्काल राशि पहुंचाने की व्यवस्था की पूरी सफलता तभी है, जब बैंक के खाते में पेंशन पहुंचने के दो से तीन दिनों के भीतर राशि वृद्धजन के हाथों में पहुंच जाए।

चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति बुजुर्गो के सम्मान पर आधारित है। आश्रम व्यवस्था के माध्यम से पूरा समाज लाभान्वित होता था। ओल्ड एज होम पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव का परिचायक है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सौ वर्ष की आयु प्राप्त बुजुर्ग पुनिया बाई और कन्हैयालाल को वृद्धजन सम्मान के प्रतीक स्वरूप मंचासीन करवाया। कार्यक्रम में उपस्थित शतायु प्राप्त बुजुर्गो के पास पहुंचकर स्वयं उनका सम्मान किया।

इस मौके पर मौजूद पंचायत एवं सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि वृद्ध माता-पिता की उपेक्षा अमानवीय कृत्य है। ऐसा करने वालों के विरुद्ध सरकार दंडात्मक कार्रवाई करेगी।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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