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नेशनल

कोच्चि मेट्रो का पहला चरण चालू

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कोच्चि, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोच्चि मेट्रो का पहला चरण मंगलवार को 18 किलोमीटर के दूसरे खंड के साथ पूरी तरह से चालू हो गया। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इसके दूसरे खंड का उद्घाटन किया। इस परियोजना के पहले 13 किलोमीटर लंबे खंड का उद्धघाटन इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

मंत्री पुरी और विजयन ने कल्लूर से महाराजा कॉलेज तक पांच किलोमीटर लंबा सफर मेट्रो से किया और उसके बाद वे वापस लौटे और एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने के लिए टाउन हॉल गए।

इस सफर के दौरान ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन भी उनके साथ थे, जिन्हें इस कार्य को हकीकत में बदलने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके अलावा, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, स्थानीय विधायक हीबी ईडन और एनार्कुलम के लोकसभा सदस्य के.वी. थॉमस भी इस मौके पर उपस्थित थे।

यहा विजयन ने जैसे ही श्रीधरन का नाम लिया, पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जून में भी कुछ ऐसा ही हुआ था।

18 किलोमीटर के इस खंड के शुरू होने के बाद, इस दूरी को पूरा करने में सिर्फ 32 मिनट लगेंगे, जिसको सड़क से पूरा करने में अक्सर 90 मिनट लगा करते थे।

इस खंड के नए पांच किमी के विस्तार से शहर के दो प्रमुख रेलवे स्टेशनों और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, जो अंडर-17 फीफा विश्व कप का स्थल है, उसे जोड़ने में मदद मिली है। यहां शनिवार को पहला मैच खेला जाएगा।

कोच्चि मेट्रो प्रशासन को उम्मीद है कि नए सिरे से परिचालन शुरू होने के बाद दैनिक यातायात दोगुना हो जाएगा और लगभग 60,000 यात्रियों को सफर करते हुए देखा जाएगा।

परियोजना का दूसरा चरण (सात किमी) दो हिस्सों में फैला हुआ है। पांच किलोमीटर के पहले खंड का कार्य प्रगति पर है।

कोच्चि मेट्रो की कुल लंबाई (त्रिपुनीथुरा तक) दोनों खंडों को मिलाकर 25 किलोमीटर है। इस परियोजना का दूसरा चरण अगले तीन साल में बनकर तैयार होने की संभावना है।

कोच्चि मेट्रो की शुरुआत ओमन चांडी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान 2012 में हुई थी, जिसकी कमान श्रीधरन के हाथों में सौंपी गई थी।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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