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बिजनेस

प्रमुख 8 उद्योगों का उत्पादन बढ़ा

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नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत के आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन अगस्त में 4.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इसके पिछले महीने में इन आठ उद्योगों का उत्पादन 2.6 फीसदी बढ़ा था। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों से प्राप्त हुई है। आठ प्रमुख उद्योगों (ईसीआई) का सूचकांक कोयला, इस्पात, सीमेंट और बिजली जैसे प्रमुख औद्योगिक सेक्टरों के उत्पादन को प्रस्तुत करता, और यह सूचकांक पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.1 प्रतिशत बढ़ा था।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में ईसीआई सूचकांक का 40.27 प्रतिशत हिस्सा होता है। आईआईपी देश के फैक्टरी उत्पादन का पैमाना है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ईसीआई की अगस्त की रपट में कहा, अगस्त 2017 में आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक 123.6 पर है, जो अगस्त 2016 के सूचकांक से 4.9 प्रतिशत अधिक है।

रपट में कहा गया है, वित्तवर्ष 2017-18 के अप्रैल से अगस्त तक की संचयी वृद्धि दर तीन प्रतिशत थी।

सेक्टर के आधार पर, 28.03 हिस्सेदारी रखने वाला रिफाइनरी उत्पादन की वृद्धि दर अगस्त 2017 में 2.4 प्रतिशत रही।

विद्युत उत्पादन 19.85 हिस्सेदारी के साथ सूचकांक में दूसरा स्थान रखता है, और इसकी वृद्धि दर 10.3 प्रतिशत रही।

इस्पात उत्पादन सूचकांक में 17.92 हिस्सेदारी के साथ तीसरा स्थान रखता है और यह समीक्षाधीन महीने के दौरान तीन प्रतिशत बढ़ा। जबकि 10.33 हिस्सेदारी वाला कोयला खनन अगस्त 2017 में 15.3 प्रतिशत बढ़ा।

लेकिन कच्चे तेल के उत्खनन में समीक्षाधीन महीने में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई। सूचकांक में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 8.98 है।

दूसरी ओर प्राकृतिक गैस उत्पाद का उपसूचकांक 4.2 प्रतिशत अधिक रहा। सूचकांक में इसकी हिस्सेदारी 6.88 है।

सूचकांक में 5.37 की हिस्सेदारी रखने वाला सीमेंट उत्पादन अगस्त 2017 में 1.3 प्रतिशत घट गया।

इसी तरह उर्वरक विनिर्माण में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई। सूचकांक में इसकी हिस्सेदारी सबसे कम 2.63 है।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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