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उप्र में उद्योग बहुत जल्द अपने सबसे बेहतर दौर में होगा : महाना

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लखनऊ, 4 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि पिछली सरकारों ने औद्योगिक विकास विभाग को अपने सुख का साधन बना रखा था, लेकिन अब यह स्थिति बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पूरी मेहनत और लगन से काम कर रही है और बहुत जल्द प्रदेश में उद्योग अपने सबसे बेहतर दौर में पहुंच जाएगा।

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना बुधवार को विधान भवन के तिलक हॉल में प्रेसवार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा, पिछले 15 साल से सरकार और उद्योग घरानों में सामंजस्य नहीं था। पिछली सरकारों ने औद्योगिक विकास विभाग को अपने सुख का साधन बना रखा था। औद्योगिक विकास विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को विभाग की सही जानकारी नहीं थी। लेकिन, अब यह स्थिति बदलने वाली है।

महाना ने कहा, पिछले छह महीने से मुझे यह विभाग मिला है और यह मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। हम ऐसी इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाएंगे, जिसे पूरे देश के राज्य फॉलो करेंगे और वो कर भी रहे हैं। हमारी औद्योगिक नीति को देश भर में सराहा जा रहा है। सरकार पूरी मेहनत और लगन से काम कर रही है और बहुत जल्द प्रदेश में उद्योग अपने सबसे बेहतर दौर में पहुंच जाएगा।

मंत्री ने कहा, कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर परियोजना की स्थापना के लिए 375.68 करोड़ रुपये का ऋण सरकार की तरफ से वित्तीय संस्थाओं को दिया गया है। सैमसंग ने उप्र में 4,915 करोड़ रुपये का निवेश किया है। नोएडा में बिना किसी सुविधा शुल्क के इंडस्ट्रियल प्लॉट दिए जा रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर 33 में द्वितीय इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि का नियोजन किया गया है।

उन्होंने कहा, विगत 15 सालों में उद्योग और सरकार के बीच कोई कनेक्शन नहीं था। योगी सरकार में पहली बार इंडिस्ट्रयल प्रमोशन के लिए 35 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। विदेशों से भी उप्र की सरकार निवेश लाने का प्रयास कर रही है। छह महीने में हमने 5,000 एकड़ का लैंड बैंक बनाया है, जिसे डेवलप किया जाएगा।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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