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खेल-कूद

इतिहास रचना चाहेंगे हम : भारतीय कोच माटोस

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नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| पहली बार फीफा अंडर-17 विश्व कप में हिस्सा ले रही मेजबान भारतीय टीम के मुख्य कोच लुइस नोर्टन माटोस ने कहा कि उनकी टीम विश्व कप के पहले मैच में शुक्रवार को अमेरिका के खिलाफ उतरेगी तो उसकी नजरें इतिहास रचने पर होंगी।

भारत और अमेरिका की टीमें यहां के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आमने-सामने होंगी।

माटोस ने कहा कि अपने पहले मैच को लेकर खिलाड़ी सकारात्मक हैं और अपना सौ फीसदी देने की कोशिश करेंगे।

पदार्पण कर रही भारत को विश्व कप के ग्रुप-ए में कोलंबिया, दो बार की विजेता घाना और अमेरिका के साथ रखा गया है।

माटोस ने मैच से पहले गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारे ग्रुप में कोलंबिया, अमेरिका और घाना हैं जो बड़े स्तर की टीमें हैं। एक कोच के तौर पर मैं अपनी टीम को अच्छे से तैयार कर रहा हूं। हमारे खिलाड़ी जानते हैं कि कल (शुक्रवार को) उन्हें किसके सामने उतरना है, लेकिन फुटबाल ऐसा खेल है जहां अप्रत्याशित चीजें होती हैं।

उन्होंने कहा, मैं अमेरिका के बारे में सब जानता हूं। वह हमसे कई गुना ज्यादा मजबूत टीम है, लेकिन हम कम संभावना के बाद भी लड़ाई लड़ेंगे और भारतीय फुटबाल में इतिहास रचना चाहेंगे।

भारत पहली बार फीफा विश्व कप की मेजबानी कर रहा है। कोच से जब इस बात को लेकर टीम और सहयोगी स्टाफ में उत्साह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, बेशक भारत के लिए यह बड़ा टूर्नामेंट है और मैं भारतीय लोगों की तरह उत्साहित हूं।

कोच ने कहा, हम काफी कड़ी मेहनत कर रहे हैं क्योंकि भविष्य के लिए यह पहला कदम है और मैं इसका हिस्सा बनते हुए खुश हूं।

पिछले साल एएफसी अंडर-16 टूर्नामेंट में ईरान के खिलाफ खेले गए मैच में रेड कार्ड मिलने के कारण डिफेंडर बोरिस सिंह थांगजाम अमेरिका के खिलाफ नहीं खेल सकेंगे।

माटोस से जब उनके विकल्प के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, जब मैंने अनुबंध किया था तब मैं जानता था कि वह रेड कार्ड के कारण मैच नहीं खेल पाएंगे, इसलिए हमने पहले से ही इसका उपाय ढूंढ़ लिया था।

कोच ने कहा कि उनकी टीम के पास भले ही अनुभव की कमी हो, लेकिन खिलाड़ी अपने खेल को लेकर एकाग्र हैं।

उन्होंने कहा, हमारे पास अनुभव नहीं है। पुर्तगाल, अमेरिका में आप सात साल के बच्चे को खेलते हुए देख लेंगे और जब वह विश्व कप में आते हैं तो उनके पास 10 साल का अनुभव होता है। भारत में हम इस तरह के अनुभव में पीछे हैं।

उन्होंने कहा, इन खिलाड़ियों की अच्छी बात ये है कि ये लोग अपने खेल को लेकर एकाग्र हैं। यह उन बातों को लागू करते हैं जो इन्हें बताई जाती है। नकारात्मक बात यह है कि उन्हें गोल करने के मौके बनाने सीखने होंगे।

माटोस के मुताबिक, दूसरे खिलाड़ी तीन में से एक मौके को भुना लेते हैं, लेकिन जब भारतीय खिलाड़ियों की बात आती है तो हम सात मौके लेते हैं। यह एक प्रक्रिया है जिसमें वक्त के साथ सुधार होगा।

भारतीय टीम के कप्तान मिडफील्डर अमरजीत सिंह भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। वह पहले मैच को लेकर उत्साहित दिखे। उनका कहना है कि हर कोई उन्हें समर्थन दे रहा, यह देखकर वह काफी खुश हैं।

अमरजीत ने कहा, हमारे लिए यह अच्छी बात है, कई नामी हस्तियां हमें समर्थन दे रही हैं। इसलिए हम मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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